नई दिल्लीः देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई के भीतर जारी विवाद थमता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। केंद्र सरकार द्वारा निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजे जाने का जहां विपक्ष ने जमकर विरोध किया था। तो वहीं माना जा रहा है कि आलोक वर्मा मोदी सरकार को मात देने के लिए राजनीति में उतरने जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ जारी लड़ाई में आलोक वर्मा को मोहरा बना सकती है। भाजपा विरोधी एक गुट उन्हे दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट के लिए लड़ाने का प्रयास कर रहा है। दरअसल वर्मा ने केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनका आरोप है कि सभी नियम-कानूनों को दरकिनार कर उन्हें पद से हटाया गया।
गौरतलब है कि वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना में खींचतान की वजह से दोनों को 23 अक्टूबर उनके अधिकार वापस ले कर छुट्टी पर भेज दिया गया था। दोनों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सिफारिश की थी कि वर्मा और अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया जाए और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम गठित की जाए। इसके कुछ घंटों बाद ही सरकार ने कार्रवाई की थी।
वहीं कई राजनीतिक पार्टियों ने भी आलोक वर्मा को निदेशक पद से हटाए जाने का विरोध किया था। कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले के विरोध में देशभर के सीबीआई कार्यालयों के बाहर धरना प्रदर्शन किया था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस पूरे मामले को राफेल सौदे से जोड़ते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था।