अमेठी- उत्तर प्रदेश चुनाव के ऐन समय पहले मुख्यमन्त्री अखिलेश यादव ने भूतत्व एवं खनिकर्म मन्त्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को बर्खास्त कर मूलचन्द चन्द चौहान को इसकी जिम्मेदारी दे दी।
अखिलेश यादव ने खनन मंत्री और पंचायतीराज मंत्री को किया बर्खास्त
माना जा रहा है यूपी की समाजवादी सरकार पर अवैध खनन को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के सख्त रूख और सीबीआई जाँच के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी के शुक्ल तथा न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी की खण्ड पीठ ने दर्जनों जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अखिलेश सरकार पर जमकर लताड़ लगायी थी।
वही दूसरी ओर बीजेपी ने समाजवादी सरकार को खनन मामले पर घेरते हुए खनन मंत्री के इस्तीफे की माँग करते हुए आये दिन भारी हंगामा खड़ा करती थी । भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के कार्यकाल के दौरान जनपद में खनन का खेल बेधडक तरीके से खेल गया था। हर तरफ जमीन का सीना चाक कर रही जेसीबी मशीने बेखौफ और धड़ल्ले से चल रही थी।
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हद तो तब हो गयी जब जिला प्रशासन की नाक के नीचे कलेक्ट्रेट के पास दिन दहाड़े दर्जनों ट्रैक्टरों से मिट्टी ढोई गयी और जेसीबी मशीने बिना किसी दबाव के बेख़ौफ़ होकर चल रही थी। जनपद के गौरीगंज मुसाफिरखाना जगदीशपुर सहित तराई इलाको में भी बालू का खनन मनचाहे तरीके से किया गया।
पुलिस प्रशासन खनन करने वाले को पकड़ती जरूर थी लेकिन माननीयो के दखल ने प्रशासन को पंगु बना दिया। एक समाचार एजेंसी के अनुसार सोनभद्र में पत्थर खनन में भी अमेठी की दखलंदाज़ी दिखायी गयी थी।
वही दूसरी ओर पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर आय से अधिक सम्पति मामले में भी लोकायुक्त की जाँच सहित अपने पसन्दीदा लोगो को टेंडर देने तथा बेसहारा महिला की जमीन हड़पने का भी आरोप है।
रिपोर्ट- @राम मिश्रा