गुजरात राज्यसभा चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प है क्योंकि इस बार तीन राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनावों में एक सीट पर अमित शाह भी उम्मीदवार हैं। इसलिए वह गुजरात कांग्रेस के उम्मीदवार और सोनिया गांधी के राजनैतिक सचिव अहमद पटेल को राज्यसभा में जाने से रोकने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस छोड़ चुके सीनियर लीडर शंकर सिंह वाघेला चुनाव के नतीजों पर प्रभावी असर डाल सकते हैं।
संभावना है कि वाघेला के करीबी विधायक वोटिंग से दूर रह सकते हैं या नोटा प्रयोग कर सकते हैं। हालांकि वाघेला ने कहा था कि नोटा का प्रयोग नहीं होगा। लेकिन राज्यसभा में वोट डालने के बाद वाघेला ने बयान दिया कि उन्होंने अहमद पटेल को वोट नहीं दिया है। वाघेला के बयान के बाद राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। आपको बता दें कि आज सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होनी है और चुनाव के नतीजे शाम 6 बजे तक आ जाएंगे।
अमित शाह और अहमद पटेल के बीच कड़ा मुकाबला
कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार बने अहमद पटेल अपनी जीत के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी ये राह आसान नहीं लग रही है। दरअसल, यहां से बड़े दलों के अधिकृत प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो जाते थे लेकिन इस बार भाजपा ने पांचवें कार्यकाल के लिए किस्मत आजमा रहे पटेल के सामने अपने उम्मीदवार को उतार दिया है।
सत्तारूढ़ भाजपा ने यहां तीन राज्यसभा सीटों के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बलवंत सिंह राजपूत को उतारा है। राजपूत हाल तक सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक थे।शाह और ईरानी का उच्च सदन में पहुंचना तय माना जा रहा है लेकिन राजपूत को जिताने और पटेल को हराने के लिए भाजपा को अतिरिक्त वोट हासिल करने होंगे।
पटेल ने आज बेंगलूरू प्रवास से लौटे कांग्रेस विधायकों से मुलाकात की। उन्होंने अपनी जीत का भरोसा जताया।उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह चुनाव किसी की प्रतिष्ठा से नहीं जुड़ा। मुझे अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है।
कांग्रेस के इन 44 विधायकों के अलावा राकांपा के दो और जदयू के एक विधायक मेरे लिए वोट देंगे। इन विधायकों को अब आणंद जिले के एक रिसार्ट में रखा गया है। पटेल ने दावा किया कि राकांपा के दो विधायक उन्हें वोट देंगे, लेकिन शरद पवार की पार्टी के एक विधायक ने दावा किया कि दोनों विधायकों को भाजपा के प्रत्याशी बलवंतसिंह राजपूत का समर्थन करने का निर्देश दिया गया है।