कानपुर- उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। धम्म चेतना यात्रा के समापन समारोह के बहाने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कानपुर में दलितों के प्रति अपना प्रेम जताया, लेकिन दलितों ने उनका विरोध किया। संगठन के लोगों का कहना है कि वोट की राजनीति के लिए भाजपा का यह दलित प्रेम झूठा है। एक संगठन ने कोकाकोला क्रासिंग पर तेज रफ्तार कालिन्दी एक्सप्रेस रोकने की कोशिश की।
ट्रेन धड़धड़ाते हुए निकल गई, ट्रेन रोकने की कोशिश करने वाले बाल-बाल बच गए। इसके बाद थोड़ा ट्रेन आगे जाकर रुकी तो फिर उसको घेरने की कोशिश की गई। भाजपा ने समारोह में बड़ी संख्या में बौद्ध भिक्षुओं को इकट्ठा किया है, समारोह के लिए विशेष रूप से दलित बस्तियों में प्रचार किया गया है। भाजपा का टारगेट कानपुर और आसपास जिले जुड़ी 33 सुरक्षित सीटें हैं, इन जिलों से भी भीड़ कानपुर बुलाई गई है। अमित शाह कुछ देर में कानपुर पहुंचने वाले हैं, उनका पूरा फोकस दलित वोट पर होगा।
भाजपा की धम्म यात्रा और अमित शाह का विरोध करने उतरे दलित नेताओं ने कोका कोला चौराहा क्रासिंग पर 15 मिनट तक शाह और मोदी के खिलाफ नारेबाजी की। पहले से ट्रेन रोकने के ऐलान के बावजूद पुलिस नहीं पहुंची। कभी बसपा से विधानसभा चुनाव लड़े अनुभव चक के नेतृत्व में युवाओं ने कालिन्दी एक्सप्रेस रोकने की कोशिश की। तेज रफ्तार से आ रही ट्रेन के आगे खड़े चक को दूसरे साथियों ने पटरी से किनारे खींच कर बचा लिया।
ट्रेन आगे जाकर रुकी तो नारेबाजी करते युवा फिर ट्रेन की तरफ भागे, लेकिन एक मिनट बाद ही ट्रेन फिर आगे बढ़ गई। आपको बता दें कि अमित शाह ने कहा कि बीजेपी दलितों के साथ है और मायावती ने राज्य के दलितों के साथ धोखा किया है। इस दौरान अमित शाह ने यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नसीहत देते हुए कहा था कि पहले वह अपना कुनबा ठीक करें, वही बहुत है।