कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में 25 मार्च से दो चरण में लॉकडाउन लागू किया गया है। देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं।
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को किस तरह आया बढ़ाया जाए इसको लेकर इस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की अहम बैठक चल रही है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो रही इस बैठक में गृह मंत्री अमित ने शाह ने सभी मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने की अपील की है।
सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा कि सरकार ने सावधानीपूर्वक ट्रेड और इंडस्ट्री को कुछ छूट दी है। पीएम मोदी के ‘जान भी जहान भी’ के मार्गदर्शन पर सब आगे बढे।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये लड़ाई लंबी है धैर्य के साथ लड़नी पड़ेगी।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में 25 मार्च से दो चरण में लॉकडाउन लागू किया गया है। देश में कोरोना संकट की शुरुआत के बाद 22 मार्च से अब तक प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चार बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक कर चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने बैठक में कहा, ‘ये हमारा चौथा संवाद है। बीच-बीच में सभी मुख्यमंत्रियों से मेरी व्यक्तिगत बात होती रहती है। हमारे सामूहिक प्रयासों का कुछ हद तक असर दिख रहा है। लॉकडाऊन का प्रभाव पड़ा है और हमें उसका फायदा मिल रहा है।
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शिरकत कर रहे हैं।
इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
बैठक के दौरान तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री मास्क लगाए नजर आए तो वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने हरे रंग के बॉर्डर वाले सफेद गमछे से मुंह को ढंका हुआ था।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना संक्रमण के कारण देश में युद्ध जैसी स्थिति है। उन्होंने जोर दिया कि लोगों को सावधान रहने और सावधानी बरतने की जरूरत है।
उन्होंने कहा था, ‘मैं आपसे अति आत्मविश्वासी नहीं होने का आग्रह करता हूं। आपको अपने अति-उत्साह में ये नहीं सोचना चाहिए कि यदि कोरोना वायरस अभी तक आपके शहर, गांव, सड़क या कार्यालय तक नहीं पहुंचा है, तो यह अब नहीं पहुंचेगा। कभी भी ऐसी गलती न करें। दुनिया का अनुभव हमें इस संबंध में बहुत कुछ बताता है।’