नई दिल्ली : कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिसको लेकर बीजेपी ने तैयारियां तेज कर दी है। बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कर्नाटक की सरकार को हिंदू विरोधी करार दिया है। चित्रदुर्गा जिले के होलालकेरे में एक रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार हिंदू विरोधी है। उन्होंने कहा कि ‘यहां सिद्धारमैया की सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है।’ चित्रदुर्गा जिले में की रैली में अमित शाह ने सिद्धारमैया पर तो खूब निशाना साधा लेकिन ज्यादातर बातें वहां की हिंदी ना समझने वालीी जनता को समझ ही नहीं आई। एक बार तो ऐसा हुआ कि अमित शाह ने कहा आप बीएस येदियुरप्पा को कर्नाटक का सीएम बनाएंगे वहां मौजूद लोगों ने कहा नहीं।
दरअसल बीजेपी चीफ अमित शाह ने कर्नाटक के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अरविंद लिंबावली को अपने भाषण के अनुवादक के तौर पर रखा था इससे पहले कि अरविंद अपना अनुवाद शुरू करते रैली में मौजूद जनता ने नो नो करना शुरू कर दिया। जब अमित शाह ने हिंदी में कहा कि आप बीएस येदियुरप्पा को कर्नाटक का सीएम बनाएंगे वहां मौजूद लोगों ने कहा नहीं। जब अमित शाह ने कहा कि क्या आपको कांग्रेस ने पैसा दिया है तो वहां मौजूद भीड़ ने कहा नो। वहीं जब अमित शाह ने कहा कि सिद्दारमैया सरकार को उखाड़ फेकना है तो वहां मौजूद लोगों ने कहा नो।
ये पूरा वाक्या चित्रदुर्गा जिले की रैली में मौजूद भीड़ के हिंदी ना जानने की वजह से हुआ। हालांकि बाद में अरविंद लिंबावली ने सबकुछ संभाल लिया। वहीं अमित शाह ने ये भी कहा कि सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी जिनके सदस्यों पर आरएसएस के कार्यकर्ताओं के हत्या का आरोप है उनके खिलाफ कर्नाटक की सरकार ने सारे केस वापस ले लिए गए हैं। अमित शाह ने सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी को देश विरोधी संगठन करार दिया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीजेपी, आरएसएस और बजरंग दल पर कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़वा देने का आरोप लगाया है। संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों को नहीं छोड़ेगी जो अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं चाहे वो सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी के नेता हो या फिर बजरंग दल के। अमित शाह और सिद्धारमैया के बीच जुबानी जंग से पहले ट्विटर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हिंदुत्व के मुद्दे पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री से भिड़ चुके हैं। सिद्धारमैया ने ट्विटर पर कहा, ‘हमारा जो हिंदुत्व है वो स्वामी विवेकानंद की विरासत है न कि नाथूराम गोडसे की।