नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ तो करते हैं, लेकिन जब बॉर्डर पर घटनाएं होती हैं तो वह मौन धारण कर लेते हैं। अभी कई घटनाएं हुई हैं, जिन पर प्रधानमंत्री का कोई वक्तव्य नहीं आया। भारत की विदेशनीति और सामरिक भागीदारों के साथ तालमेल विषय पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री पर कमेंट करने से नहीं चूके।
प्रधानमंत्री अमेरिका जाकर यह कहते हैं कि हिंदुस्तान की शक्ति के सामने दुनिया ने माथा झुका दिया। दुनिया ने भारत की ताकत मान ली. उसे स्वीकार कर लिया। आनंद शर्मा ने कहा कि दुनिया ने भारत की ताकत को तो मान लिया लेकिन पाकिस्तान नहीं मान रहा। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से कई घटनाएं हुई हैं। उस पर लगाम नहीं लग रही है।
इंडिया चाइना रिलेशन पर आनंद शर्मा ने पं. जवाहरलाल नेहरू के 1959 में संसद में दिए गए बयान का उल्लेख किया और कहा कि सिक्किम और भूटान की जिम्मेदारी भारत की है जबकि उस समय सिक्किम की स्थिति वैसी नहीं थी जैसी आज है।
वन वेल्ट वन रोड मामले पर आनंद शर्मा ने कहा कि हमें यह देखना चाहिए कि सारी दुनिया इस मामले में हमें कैसे देख रही है। यह पूरे तरीके से आर्थिक और संपर्क के लिए है। इस पर फिर से सोचना चाहिए। इस प्रोजेक्ट में रूस, कोरिया, जापान सब शामिल हैं।
आनंद शर्मा ने पड़ोसी देश के साथ भारत के संबंधों को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला। शर्मा ने कहा कि नेपाल के साथ हमारे संबंध काफी क्रिटिकल हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री पहली बार नेपाल गए तो वहां भव्य स्वागत हुआ। बड़ा अच्छा काम करके आए. लेकिन दूसरे दौरे पर भूकंप आ गया। तीन जनसभा करने की घोषणा यहीं से कर दी गई उनमें से एक जनकपुर में था। लेकिन इस पर वहां विरोध होने लगा। शर्मा ने कहा कि वहां की समस्या को समझना जरूरी है।
श्रीलंका के साथ संबंधों को लेकर आनंद शर्मा ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह इसे ठीक से हैंडिल नहीं कर रही है। चाइना पाकिस्तान में पोर्ट बना रहा है। मालदीव अपने हाथ से निकल-सा गया है और हम उसे सही से हैंडिल नहीं कर पा रहे हैं। आनंद शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि जो वादा अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ किया गया है चाहे वह कांग्रेस के शासन काल में की गई हो या उसके बाद, उसे हर हाल में निभाया जाना चाहिए।
आनंद शर्मा ने रूस के साथ भारत के बदलते संबंधों पर भी सवाल उठाए। शर्मा ने कहा- रूस उस समय से हमारे साथ रहा है जब भारत बुरे दौर से गुजर रहा था। उसने रक्षा और उसने अंतरिक्ष के क्षेत्र में हमारी काफी मदद की है। इसे हमें नहीं भूलना चाहिए।