फतेहपुर : जनपद के ऐरायां विकास खंड की ग्राम सभा इजूरा खुर्द के लोगों ने बदहाल सड़क की सुधार न होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दिया । बताते चलें की इजूरा खुर्द के ग्रामवासियों ने सड़कों पर उतारकर आक्रोशित होते हुए शासन व प्रशासन के साथ ही क्षेत्रीय विधायक व सांसद पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए विकास न किये जाने का आरोप लगाते हुए आगामी चुनाव बहिष्कार की भी बात कही । थाना सुल्तानपुर घोष के आगे महज 1 किलोमीटर की दूरी पर इजूरा मोड़ से अंदर गयी सड़क का निर्माण 1998 -1999 में स्थानीय विधायक साथ ही उत्तर प्रदेश शासन में मंत्री रहे स्वर्गीय मुन्ना लाल मौर्या ने इजूरा मोड़ से लेकर संकठन घाट तक लोक निर्माण विभाग द्वारा लगभग 3 किलोमीटर था बाद 3 पंचवर्षीय विधानसभा कार्यकाल बीत जाने के बावजूद भी किसी विधायक या अन्य प्रतिनिधियों ने इस सड़क की तरफ मुड़कर देखा भी नहीं जबकि ये मार्ग घाट तक जाता हैं जिसमें कई दर्जन गाँव की मिटटी लेकर भी लोग जाते हैं जिसके बाद घाट पहुंचकर लोग मृतक का क्रियाकर्म करते हैं लेकिन किसी को इसकी चिंता नहीं है ।
एक बार उत्तर प्रदेश में फिर से चुनावी समर का मैदान सज चुका है जिसमें सभी राजनैतिक दलों व राजनीति करने वाले नेतागण तमाम तरीके की लोक – लुभावने वादों के साथ जनता में बड़ी – बड़ी डींघ मारते हुए वोट लेने जाएंगे । लेकिन इस बार इस सड़क से जुड़े लगभग – लगभग सभी गाँव सड़क निर्माण न किये जाने को लेकर चुनाव बहिष्कार की तैयारी में लग गए हैं इसी कड़ी में इजूरा खुर्द के ग्राम प्रधान रामहित यादव के नेतृत्व मंगलवार को सड़कों पर उतर कर लोगों ने “रोड नहीं तो वोट नहीं” आदि के नारों के साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों व प्रशासन द्वारा खस्ताहाल सड़क की स्थिति पर नजर न डालते हुए विकास से कोसों दूर करने का इल्जाम लगाते हुए आगामी चुनाव में बहिष्कार करने की बात की । इसके बाद मालादेई गाँव निवासी महेश सत्ता व शासन पर तीखा प्रहार करते हुए इल्जाम लगाया कि हर कोई अपने ऐशो – आराम में डूबकर सिर्फ जनता के पैसों को लूटने के सिवाय कुछ नहीं किया है जिसका उदाहरण ये सडक खुद है । इसके अलावा उसी गाँव के निवासी अमरेश पांडेय ने भी शासन व प्रशासन को खरी – खोटी सुनाते हुए चुनाव बहिष्कार की बात कही ।
बताते चलें कि वर्ष 1996 से इस विधानसभा में ऐरायां विकास खण्ड का निवासी ही विधायक बनता आ रहा है लेकिन सिवाय स्वर्गीय मुन्ना लाल मौर्या के किसी ने इस सड़क व अन्य कई जनहित का काम नहीं किया बताते चलें कि लोग कहने से नहीं चूकते कि स्वर्गीय मुन्ना लाल मौर्या द्वारा बनायी गयी इस सड़क को अगर अन्य विधायक सिर्फ मेंटेनेंस ही कराते रहते तो शायद ऐसी स्थिति नहीं रहती तथा लोग आज अपने स्वर्गीय नेता को याद करने पर भी मजबूर हो जाते हैं ।
बताते चलें कि 2002 के विधान सभा चुनाव में इसी विकास खण्ड के अफोई गाँव के ही बसपा प्रत्याशी विधायक बने थे जो बाद में बसपा से बागी होकर सपा का दामन थाम लिया था जिसकी सरकार में भी पकड़ थी लेकिन उन्होंने भी इस जर्जर सड़क पर एक रूपए भी खर्च नहीं किया इसके बाद 2007 के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की वो भी अल्लीपुर गाँव के निवासी थे साथ ही बताते चलें कि इसी सड़क द्वारा अल्लीपुर को भी जोड़ती है आखिरकार उन्होंने ने भी विकास की सुध नहीं ली इसके बाद 2012 के चुनाव में बसपा के प्रत्याशी विजयी हुयें वो भी मोहम्मदपुर गौंती गाँव के ही निवासी हैं और जनप्रतिनिधि इसी विकासखण्ड के साथ ही थाना सुल्तानपुर घोष क्षेत्र में ही आते हैं लेकिन पिछले अन्य विधायकों की तरह वर्तमान बसपा विधायक भी ढाक के तीन पात साबित हुए । अंततः इन ग्रामवासियों की सुनवाई प्रशासन करती है नहीं ये सबसे बड़ा मुद्दा होगा जो चुनाव आयोग के लिए चुनौती साबित होगी ।