नई दिल्ली – ‘भारत में हिंदू तालिबान का शासन है’ – ये कहना है जाने-माने शिल्पकार अनीश कपूर का जिन्होंने ‘द गार्डियन’ में एक लेख के ज़रिए भारत में बढ़ती असहिष्णुता पर बात छेड़ी है।
भारतीय मूल के ब्रितानी कलाकार अनीश कहते हैं कि भारत में धार्मिक सहिष्णुता ख़तरे में है। वे कहते हैं कि हाल में मोदी शासन ने गोमांस खाने को संदेह में लोगों पर नज़र रखने वाले और हिंदू राष्ट्र बनाने की कवायद करने वाले हिंदू कार्यकर्ताओं की भगवा ब्रिगेड को बढ़ावा नहीं दिया, लेकिन उनका विरोध भी नहीं किया है।
अनीश कपूर के लेख को भारत में सोशल मीडिया में मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। ट्विटर पर ‘हिंदू तलिबान’ ट्रेंड कर रहा है। जहां कुछ लोग अनीश का समर्थन कर रहे हैं, कई हैं जो उनके ख़िलाफ़ ग़लत शब्दों के इस्तेमाल से नहीं चूक रहे।
गौरव त्रिपाठी इसे ‘आज का चुटकुला’ कहते हैं, तो मोनिका लिखती हैं कि ‘अनीश कपूर तो बड़े कांग्रेसी हैं।’ एनआरआई बीजेपी ने ट्विटर पर जवाब में लिखा है, ”इस हिसाब से यूके में क्रिश्चियन तालिबान है।”
ट्विटर पर पंकज कौशल ने अनीश कपूर को जोकर कहा है और लिखा है,” 1970 से ये ब्रिटेन में रहते हैं और भारत के बारे में ऐसा लिख रहे हैं… शर्मनाक़।”
इंडिया टुडे के कार्यकारी संपादक राहुल कंवल ने लिखा, ”अगर अनीश को लगता है कि भारत में हिंदू तालिबान है तो उन्हें तालिबान के भयानक कारनामों का कोई अंदाज़ा ही नहीं है।”
गुरदीप आहलूवालिया ने ‘द गार्डियन’ से ट्विटर पर कहा है, ”रोना छोड़िए, आप लोगों को अपनी भाषा सुधार लेनी चाहिए।”
नरेंद्र मोदी के नाम से ट्विटर हैंडल जो अपने आप को फेंकू राजनीति में डॉक्टरेट कहते हैं, ने लिखा है, ”अब दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ही भारत को हिंदू तालिबान से बचा सकते है।”
वहीं किरण खेड़ेकर लिखती हैं, ”आपकी जानकारी के लिए भारत की जनता ने भारी बहुमत से इस सरकार को चुना है।”
ऐसा नहीं है कि लोग अनीश का विरोध ही कर रहे हों, कईयों ने इसे एक बढ़िया लेख कहा है।
आयशा ख़ान कहती हैं वे पूरी तरह तरह सहमत हैं। इमरान ख़ान खुली विचारधारा को आगे रखने के लिए अनीश को बधाई देते हैं। सदफ़ सयैद अनीश की बात से सहमत हैं लेकिन वे कहते हैं ”मैं मानता हूं कि हाल के दिनों में भारत में असहिष्णुता बढ़ी है लेकिन देश की सरकार को हिंदू तालिबान कहना सही नहीं होगा।”
करुणा नंदी लिख रही हैं ”’हमारी बात मानो वरना…’ कुछ बातों को दरकिनार कर दिया जाए तो सही बात कही है अनीष ने।” इंजीनियर दाउद ख़ान ने लिखा है, ”मोदी की हिंदुत्ववादी विचारधारा के कारण भारत अब चरमसीमा पर है. भारत को उनसे छुटकारा चाहिए।”