फाजिल्का- भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा की फाजिल्का सैक्टर पर पड़ती जीरो लाईन पर देश के विभाजन से पहले पीर बाबा बुर्जी वाला की दरगाह पर मनाया जाने वाला वार्षिक मेला आज भी बड़ी धूमधाम से लगाया गया। जहां दूर-दराज क्षेत्रों से 10 हज़ार से अधिक श्रद्धालुओं ने माथा टेका वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान के लोगों ने समाध के निकट आ कर अमन-शांति की दुआ मांगी।
सरहदों ने जहा हमे अलग अलग मुल्को में बाँट दिया है लेकिन हमारे अल्लाह ,वाहेगुरु ,राम ,रहीम ,पीर फ़कीर एक ही है ! पंजाब के जिला फाजिल्का के गाव गुलाबा भैनी में हिन्द पाक सरहद की जीरो लाइन पर बनी पीर की मजार शेरशाह जोधा की मजार पर देखने को मिलती है ! ये मजार करीब 150 साल पुरानी है ! दोनों देशो के हिन्दू ,मुस्लिम और सभी मजहबों के लोग अपनी मन्नतें पूरी होने पर बाबा जी के दर्शन करने आते है और प्रसाद व् चादरे चढ़ाते है ! यहाँ बीएसएफ द्वारा सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए है !
फाजिल्का अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर लगाई कंटीली तार से पार जीरो लाईन पर बाबा शाह मुहम्मद बुर्जी वाला की दरगाह जोकि देश के विभाजन से पहले की इस स्थान पर बनी है ! यहां हर वर्ष देसी महीने की 5 आषाढ़ को बहुत बड़ा मेला लगता है, आज भी बी.एस.एफ. की 129 बटालियन के सहयोग से यह मेला लगाया गया ! जहां श्रद्धालुओं ने माथा टेका !
देश के विभाजन से पहले यहां हिंदुस्तान और पाकिस्तान द्वारा सांझे तौर पर मेला लगाया जाता था, लाखों की संख्या में लोग यहां माथा टेकने के लिए आते थे और उस समय कबड्डी, कुश्ती आदि के मुकाबले भी करवाए जाते थे। देश के विभाजन के बाद यह समाधी दोनों देशों के मध्य खींची गई जीरो लाईन पर आ गई।
बी.एस.एफ. की 129 बटालियन के अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि इस जगह पर हज़ारों की संख्या में भारत के विभिन्न क्षेत्रों से लोग आ कर अरदास करते है। वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान के लोग भी जीरो लाईन पर पहुंच कर पीर बाबा शाह मुहम्मद बुर्जी वाला की दरगाह पर माथा टेकते है। और हमारी बी ,एस ,एफ की तरफ से पूरे इंतजामात करवाए गए है !
श्रद्धालुओं के मुताबिक यह दरगाह बहुत पुरानी है इस बाबा के यहाँ जो भी शर्द्धालू माथा टेकता है उसकी सभी मन्नतें पूरी होती है और बी एस एफ के अधिकारी भी इस बाबा की शक्ति को आजमा चुके है ! बाबा जी की मान्यता बहुत दूर दूर है और सारे पंजाब और देश भर से यहाँ लोग अपनी मन्नतें पूरी होने पर सजदा करने आते है !
आज भी पाकिस्तान वाली ओर से आते लोग दरगाह पर माथा टेकने के लिए उतावले थे, जिनमे 3 लोगो के साथ पाकिस्तानी रेंजर ट्रैकटर पर सवार होकर आए थे ओर दरगाह के करीब जीरो लाईन पर पहुंचे इन श्रद्धालुओं ने सजदा किया ! व्ही इन पलो को वो अपने मोबाईल के कैमरों में कैद कर चले गए ! जहा पाकिस्तान रेंजरों की संख्ती ने उनके सपने तोड़ दिए। दरगाह पर माथा टेकने के लिए सीमावर्त्ती लोगों ने कहा कि दोनों देशों की सीमाओं पर खींची गई रेखा चाहे आज भी कायम है परन्तु लोगों के दिलों में एक-दूसरे और इस धार्मिक स्थान के प्रति प्यार और जजबा आज भी कायम है। मेले के दौरान सायं करीब 4:45 बजे पाकिस्तान की ओर से कुछ लोग समाध के निकट आए और वहां उन्होंने दुआ मांगी। उन्होंने कहा कि उनकी इस समाध पर आने पर हर दुआ कबूल होती है।
समाधी पर माथा टेकने के लिए आए सीमावर्त्ती लोगों ने अनुसार सीमा पर कंटीली तार लगने से पहले पाकिस्तान के वासी आम ही मेले वाले दिन अपनी श्रद्धा के अनुसार राशन आदि लेकर आ जाते थे और दुकानों पर गेंहू बेच कर वह पैसे मेले पर लगाते थे। लोगों के अनुसार कई बार पाकिस्तानी रेंजरों के नर्म व्यवहार पर पाकिस्तान के मध्य वाले कस्बे फकीरिया, टाली गुद्दड़, लाल गुद्दड़, लसूड़ी, चिमना चौंकी, नियोला, वसीलपुर आदि से आए लोग माथा टेक कर मुड़ते थे।
रिपोर्ट- @इन्द्रजीत सिंह