छत्तीसगढ़ में बीजेपी नेता हरीश वर्मा जो 200 से ज्यादा गायों को भूखा मारने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। शनिवार को कोर्ट में पेशी के दौरान लोगों ने उसकी पिटाई कर दी है और उसके मुंह पर कालिख पोत दी। अब इसी बीजेपी नेता की दो और गोशालाओं में सौ से ज्यादा गायों की मौत का मामला सामने आया है। हरीश वर्मा पर आरोप है कि उसने सौ से ज्यादा गायों को भूखा मारकर उन्हें अपने ईंट के भट्टे में दबवा दिया।
बीजेपी नेता हरीश पर ना सिर्फ गायों को भूख से तड़पाने का आरोप है बल्कि 93 लाख के घोटाले का भी आरोप है। पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि हरीश को 93 लाख रुपये गोसेवा आयोग की तरफ से अनुदान में मिले थे। इससे गायों की देखभाल आसानी से की जा सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हरीश का कहना है कि उसे पिछले तीन महीने से पैसे ही नहीं मिले, वो अपने खर्चे पर गोशाला चला रहा है जबकि सच ये है कि हरीश को 93 लाख रुपये अनुदान में मिले थे।
साल 2011 से 2017 के बीच हरीश को 93 लाख रुपये मिले थे। हरीश पर आरोप है कि पैसों की लालच में 220 गायों की जगह गौशाला में 600 से ज्यादा गायें रखीं और उन्हें ढ़ंग से चारा नहीं खिलाया गया। इस वजह से करीब 200 गायों की मौत हो गई। मरी हुई गायों का पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराया तो उनकी पेट से चारे का एक दाना तक नहीं मिला।
पुलिस ने बीजेपी नेता हरीश पर धारा 409 के तहत केस दर्ज किया है। धारा 409 का मतलब हुआ शासकीय राशि का गबन करना। अब इसके आरोप में हरीश को 10 साल की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है। इसके अलावा हरीश पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की धारा 11 का भी मुकदमा दर्ज किया गया है। बीजेपी नेता हरीश वर्मा भले ही कानून के शिकंजे में आ गया हो, लेकिन दुर्ग की गोशाला में बीमार पड़ीं सैकड़ों गायों की देखभाल कौन करेगा इसका जवाब मिलना अभी बाकी है।