खरगोंन : मध्य प्रदेश के मुखिया दलित आदिवासी बच्चो को उच्च शिक्षा देने में भेदभाव कर रहे है । अजा और अजजा के छात्र छात्राओं में शिवराज सरकार की छवि उच्च शिक्षा विरोधी बनने लगी है ।कुछ इस तरह बात भगवानपुरा के विधायक विजय सिंह सोलंकी ने कही । भगवान पूरा विधयाक लंबे समय से उनके क्षेत्र में उच्च शिक्षा की मांग को लेकर भगवानपुरा ब्लॉक और सेगांव ब्लॉक में कालेज खुलवाने की मांग करते आ रहे है । मगर शासन द्वारा हर बार कुछ न कुछ खिमिया बताकर ईस मांग को ठुकरा दिया गया । सरकार ने विगत 3 साल में 42 स्थानों पर शासकीय महाविद्यालय प्रारम्भ किये गए ।
इसमे से 10 स्थानों पर पूर्व में स्थित कालेज से दूरी 15 किमी से कम है। और 15 से अधिक कालेजो में प्रवेश का आंकड़ा 100 पार नही कर पाया ।जबकि हमे कहा जाता है कि आपके यहाँ हायर सेकंडरी कम है, बच्चे कम है, कालेज की पूर्ति नही हो पाएगी। जबकि नए खोले गए कालेजो में कई कालेजो में पहले साल 50 बच्चे भी दर्ज नही हुए। उक्त प्रारम्भ नवीन कालेजो के लिये सारे नियम कायदों को तोड़ा गया परन्तु भगवानपुरा ओर सेगांव में कालेज की जब जब भी मांग की नियमो की आड़ ली गई । विधयाक सोलंकी ने इस बात को गंभीर बताते हुवे आरोप लगया की शिवराज सरकार दलित और आदिवासीयो की उच्च शिक्षा विरोधी है । वो हमाँरे समाज के लोगो को आगे बढ़ते नही देखना चाहते है । शिवराज सरकार संघ के इशारे पर दलित आदिवासियों को दबाने का कार्य कर रही है ।
इसलिए आदिवासियों के क्षेत्रो। में महाविद्यालय नही खोले जा रहे है । विधायक ने कहा बहुत ही दुःख की बात है की आदिवासी क्षेत्र भगवानपुरा ,सेगांव के गरीब बच्चो को उच्च शिक्षा के लिये रोज 35 से 40 70 किमी दूर तक जाना पड़ रहा है ।यह दलित और आदिवासियों के साथ अत्याचार करने जैसा है ।