मुंबई : मुंबई के पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले ने मुंबई पुलिस में सचिन वाझे की वापसी को लेकर महाराष्ट्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है। महाराष्ट्र गृह विभाग को दी गई इस रिपोर्ट में मुंबई सीआईयू क्राइम ब्रांच में सचिन वाझे के नौ महीने के कार्यकाल के बारे में भी बताया गया है। साथ ही मुंबई पुलिस के कमिश्नर हेमंत नगराले ने गृह विभाग को सौंपी अपनी रिपोर्ट में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर सचिन वाहे को शह देने का आरोप लगाया है गौरतलब है कि एंटीलिया केस में सचिन वाझे का नाम आने के बाद महाराष्ट्र सरकार की काफी किरकिरी हो रही है। विपक्ष के नेताओं ने राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख सहित सरकार में शामिल कई नेताओं को वाझे का करीबी बताया था। इसके बाद यह रिपोर्ट दी गई है, जिसमें उन सभी कारणों को बताया गया है जिनके चलते वाझे की मुंबई पुलिस में वापसी हुई थी।
हेमंत नगराले ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सचिन वाझे की नियुक्ति का निर्णय कमिश्नर लेवल की एक बैठक के बाद किया गया था। इसमें मुंबई पुलिस के गई बड़े अधिकारी शामिल थे। उन्हें आर्म्ड पुलिस फोर्स भेजा गया था। ये एक नॉन एक्जीक्यूटिव शाखा है। इसके बाद 9 जून 2020 को ज्वाइंट कमिश्नर के आदेश पर सचिन वाझे को क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट में नियुक्त किया गया।
एंटीलिया में विस्फोटक रखने और मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में सचिन वाझे शक के घेरे में हैं। सचिन वाझे अभी एनआइए की कस्टडी में हैं। इस मामले में एनआइए की टीम उन्हें बीते दिनों मुंबई के रेलवे स्टेशन भी लेकर गई थी जहां पर सीन रिक्रिएट किया गया था। वाझे की एनआईए कस्टडी आज ही खत्म हो रही है। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख का नाम भी आया है। उन पर वाझे और बाकी अफसरों से पैसों की वसूली कराने के आरोप लगे हैं, जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है।