उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक वाली कार और इसके मालिक मनसुख हिरेन की हत्या केस में गिरफ्तार किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने कहा है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। सस्पेंड किए जा चुके एपीआई वाझे ने एनआईए कोर्ट में कहा कि वह केवल डेढ़ दिन तक एंटीलिया केस के जांच अधिकारी थे और इसकी ठीक तरीके से जांच की। उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रान्च और मुंबई पुलिस की टीम ने भी मामले की जांच की। कोर्ट ने वाझे को 3 अप्रैल तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया है।
एनआईए सूत्रों ने बताया कि सजिन वाझे ने जांच एजेंसी के सामने स्वीकार कर लिया है कि विस्फोटक वाली कार के पीछे उन्हीं का हाथ है। वाझे ने बताया कि एंटीलिया (मुकेश अंबानी का घर) के बाहर विस्फोटक इसलिए रखा क्योंकि जांच अधिकारी के रूप में इस केस को सॉल्व करके सुपर कॉप बनना चाहता था। मुंबई में 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के निकट एक कार से विस्फोटक बरामद हुए थे। इस मामले में वाजे एनआईए की हिरासत में हैं।
एनआईए ने एंटीलिया के पास से विस्फोटक मिलने के मामले में आरोपी निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के खिलाफ बुधवार को गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) की धाराएं भी लगाई हैं। एनआईए ने विशेष एनआईए अदालत को इस मामले में यूएपीए की धाराएं जोड़ने की जानकारी देते हुए बुधवार को अर्जी दाखिल की।
सूत्रों के अनुसार मुंबई पुलिस में सहायक निरीक्षक वाजे पर यूएपीपीए की धारा 16 और 18 के तहत आरोप लगाए गए हैं। एनआईए ने वाजे की हिरासत खत्म होने से एक दिन पहले यह कदम उठाया है। एजेंसी उस कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले की भी जांच कर रही है। इस बीच, ठाणे की एक अदालत ने बुधवार को महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते को हिरन की मौत के मामले की जांच को रोकने और मामले से संबंधित रिकॉर्ड तत्काल एनआईए को सौंपने का निर्देश दिया है। हिरेन का शव पांच मार्च को ठाणे में एक नहर से मिला था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 20 मार्च को इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी थी। लेकिन एटीएस की जांच भी जारी थी। एटीएस ने दो दिन पहले दावा किया था कि उसने हिरन की मौत की गुत्थी सुलझा ली है। वहीं, एएनआईए ने हिरेन की हत्या के मामले में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) द्वारा गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों को बुधवार शाम हिरासत में ले लिया।