नई दिल्ली – देश में असहिष्णुता का हवाला देकर पुरस्कार लौटाने वाले लोगों के विरोध में फिल्म अभिनेता अनुपम खेर का मार्च फॉर इंडिया शुरू हो चुका है। इस मार्च में अनुपम खेर के साथ फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर समेत बड़ी संख्या में कलाकार, साहित्यकार और अभिनेता राष्ट्रपति भवन तक मार्च कर रहे हैं।
पुरस्कार लौटाने के खिलाफ खुलकर सामने आए अनुपम खेर ने फिल्मकारों को ललकाराते हुए कहा कि कोई उन्हें फिल्म दे या न दे, वे देश के लिए काम करेंगे। अपने पक्ष पर कायम रहते हुए खेर ने कहा है कि वे देश को पेशे से ऊपर समझते हैं।
अपने पक्ष पर कायम रहते हुए खेर ने कहा है कि वे देश को पेशे से ऊपर समझते हैं। मार्च शुरू होने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश को असहिष्णु कहना गलत है। हम मार्च निकालकर राष्ट्रपति को यह बताएंगे कि भारत एक बेहद सहिष्णु देश है। हम धर्मनिरपेक्ष लोग हैं और हम छद्म धर्मनिरपेक्षता में यकीन नहीं करते। हर देश समस्याओं से होकर गुजरता है लेकिन किसी को भी हमारे देश को असहिष्णु कहने का हक नहीं है।
जानकारी के अनुसार खेर के इस मार्च फॉर इंडिया में लोक गायिका मालिनी अवस्थी, भजन गायक अनूप जलोटा, उस्ताद वसीफुद्दीन डागर, फिल्म निर्देशक प्रियदर्शन, नीतिन देसाई, नीरज वोहरा, अभिनेता विवेक ओबेराय, कलाकार मनोज जोशी, साहित्यकार नरेंद्र कोहली, अच्युतानंद मिश्र और कवि गजेंद्र सोलंकी के शामिल हो रहे हैं।
सम्मान वापसी के खिलाफ इस अभियान को कई पद्म पुरस्कार पाने वाले कलाकारों का समर्थन भी हासिल है, जो इस मार्च में शामिल नहीं होंगे। लेकिन राष्ट्रपति को सौंपे जाने वाले ज्ञापन पर उनका भी हस्ताक्षर होगा। इनमें बिरजू महाराज, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, पंडित राजन-साजन मिश्र, सोनल मानसिंह, सरोज वैद्यनाथन, गीतकार प्रसून जोशी, फिल्म निर्देशक शेखर कपूर, फिल्म अभिनेता कलम हासन शामिल है।