मध्य प्रदेश में बुधवार को हनी ट्रैप मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के एक आर्मी ऑफिसर के परिसर पर छापेमारी की गई। जिसके बाद ऑफिसर को आर्मी इंटेलिजेंस ने हिरासत में ले लिया।
ऑफिसर पर हनीट्रैप में फंसकर गोपनीय सूचनाएं लीक करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। शक है कि ऑफिसर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हनी ट्रैप के जाल में फंस गया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ‘संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर आर्मी इंटेलिजेंस ने यह बड़ी कार्यवाही जबलपुर स्थित आर्मी बेस वर्कशॉप में की। ऑफिसर को आर्मी के काउंटर इंटेलिजेंस विंग द्वारा हिरासत में लिया गया।’
यह पहला मामला नहीं जब सेना का कोई अधिकारी इस जाल में फंसा हो इससे पहले वायुसेना मुख्यालय में तैनात एक ग्रुप कैप्टन को कथित जासूसी और संवेदनशील दस्तावेज हासिल करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। फिलहाल कैप्टन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह (51) को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गथा। पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य महानगर दंडाधिकारी दीपक सहरावत के समक्ष अरुण मारवाह को पांच दिन के पुलिस रिमांड के बाद मंगलवार को पेश किया गया।
कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मौके पर स्पेशल सेल ने दलील दी कि पुलिस इस मामले से जुड़े तथ्यों की जांच कर रही है।
अरुण मारवाह के पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी के संपर्क होने की खबर मिलने की पुष्टि के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल पुलिस ने 8 फरवरी को गिरफ्तार किया था।