बेंगलुरू- केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने 500 और 1000 रूपये के नोटों को रद्द करने संबंधी रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का कथित तौर पर उल्लंघन करने पर बुधवार को बेंगलुरू में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ मैनेजर और एक कंपनी के दो मालिकों को गिरफ्तार कर लिया।
एजेंसी ने मंगलवार को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की बासावांगुडी शाखा के वरिष्ठ मैनेजर और शाखा प्रमुख एस लक्ष्मीनारायण और ओंकार परिमल मंदिर के निदेशक एस गोपाल और अश्विन जी सुनकुर के खिलाफ मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज की थी और विभिन्न ठिकानों पर तलाशी भी ली थी।
इन तीनों को बुधवार को सुबह बंगलूर स्थित सीबीआई कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जब वह कथित तौर पर कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
एजेंसी ने धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश की भारतीय दंड संहिता की संबंद्ध धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आधिकारिक पद का दुरूपयोग करने के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है।
बेंगलुरू में बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों के आवास समेत कई स्थानों पर मंगलवार को ली गई तलाशी के बाद एजेंसी ने दावा किया कि उन्हें अपराध में लिप्तता साबित करने वाले दस्तावेज मिले हैं जिसमें बैंक रसीद, काउंटफॉइल, डीडी, संपत्ति के दस्तावेज, हार्ड डिस्क और 500 तथा 1000 रूपये के पुराने नोटों में 5,91,500 नकद शामिल हैं।
बेंगलुरू की सीबीआई अदालत में दर्ज की गई प्राथमिकी में जांच ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि 15 नवंबर से 18 नवंबर के बीच बैंक मैनेजर ने आरबीआई के दिशनिर्देशों का उल्लंघन करके पुणे की एक वित्त कंपनी के लिए 50,000 रूपये से कम राशि के 149 डिमांड ड्राफ्ट जारी किए थे।
कुल 71 लाख रूपये के डीडी जारी किए गए थे जिसे शाखा प्रमुख ने कंपनी के मालिकों से अमान्य नोटों के जरिए स्वीकार कर लिया। एजेंसी के मुताबिक ऐसा अमान्य नोटों को बदलने के लिए किया गया। कंपनी के मालिकों ने बाद में ड्राफ्ट रद्द करवाकर नकद प्राप्त कर लिया।