नई दिल्ली : सोमवार को मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला किया है, जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के मिलने वाले स्पेशल स्टेटस को अब खत्म कर दिया गया है, कल राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया, बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े , इस बिल में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल हैं, इस फैसले के बाद जहां पूरे भारत में जश्न का माहौल है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इसका विरोध कर रही है, तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कि जिन्हें इस वक्त कश्मीर के लोगों की काफी फिक्र हो रही है।
Does anyone know what is happening in #Kashmir ?? Not able to speak to anyone from the family there … I pray that everyone is safe
— Huma Qureshi (@humasqureshi) August 5, 2019
फिल्म अभिनेत्री हुमा कुरैशी उसी लिस्ट में शामिल हैं, कश्मीर के ताजा हालात पर हुमा कुरैशी ने वहां के लोगों के प्रति अपनी सहानुभूति जताई है, हुमा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘क्या किसी को पता है कि कश्मीर में क्या हो रहा है? वहां किसी भी फैमिली से बात नहीं कर पा रही हूं. मैं दुआ करती हूं कि सब सुरक्षित होंगे’।
हालांकि हुमा को सोशल मीडिया के यूजर्स ने आड़े हाथों ले लिया, उन्होंने उन्हें फिक्र ना कहने की सलाह दे डाली है, कुछ लोगों ने लिखा है कि मैडम आप कश्मीर के लोगों की फिक्र ना करें, आपको परेशान होने की जरूरत नहीं, वहां बहुत लोग हैं उनकी चिंता करने के लिए, वहां कुछ भी गड़बड़ नहीं है। तो कुछ लोगों ने उनपर तंज कसते हुए कहा कि कोई लाउडस्पीकर पर किसी को निकालने की बात नहीं कर रहा है, हमारी सरकार पर भरोसा रखें, सब जल्दी नार्मल हो जाएगा।
गौरतलब है कि राज्यसभा में बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को कश्मीर से हटाना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया था, क्योंकि 370 की वजह से ही आज तक जम्मू कश्मीर और लद्दाख में लोकतंत्र मजबूत नहीं हो पाया, जम्मू कश्मीर में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं 370 की वजह से नहीं मिल पाईं, पढ़ाई और रोजगार नहीं मिल पा रहा है, लोग वहां दहशत के साए में जी रहे हैं।
अमित शाह ने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर में जो पाकिस्तान के शरणार्थी गए उन्हें आज तक नागरिकता नहीं मिल पाई है, 370 ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख से लोकतंत्र वहां मजबूत नहीं हो पाया और भ्रष्टाचार बढ़ता चला गया, घाटी के गांव आज भी गरीबी में जीने को मजूबर हैं क्योंकि वहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं इसी 370 की वजह से नहीं मिल पाई है, जबकि महिला विरोध, दलित विरोध और आतंकवाद की जड़ यही 370 है।