नई दिल्ली- भारतीय स्टेट बैंक ने 63 कर्जदारों का 7016 करोड़ रुपये का बकाया लोन को डूबा हुआ मान लिया है। इन 63 कर्जदारों में शराब कारोबारी विजय माल्या भी शामिल हैं। ये राशि 100 लोन डिफाल्टरों पर बाकी कुल राशि का करीब 80 प्रतिशत है। माल्या पर विभिन्न बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये बकाया है। वो अभी देश से फरार हैं। इस मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को सफाई दी कि राइट ऑफ का ये मतलब नहीं है कि लोन माफ कर दिया गया है।
अब कसेगा माल्या-माइकल-मोदी पर शिकंजा
जेटली ने राज्यसभा में माल्या का लोन माफ होने की खबरों पर सफाई दी। वित्त मंत्री ने कहा, ‘राइट ऑफ करने का मतलब सिर्फ इतना होता है कि बैंक द्वारा अकाउंटिंग बुक में लोन को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स मान लिया गया है। राइट ऑफ करने को लोन का मतलब लोन की माफी नहीं होता। लोन की रिकवरी के प्रयास अब भी जारी रहेंगे। ‘
जिन कर्जदारों का लोन डूबा हुआ माना गया है, उनमें टॉप 20 में किंगफिशर एयरलाइंस (1201 करोड़),केएस ऑयल (596 करोड़), सूर्या फार्मास्यूटिकल्स (526 करोड़), जीईटी पावर (400 करोड़) और साई ईन्फो सिस्टम (376 करोड़) हैं।
हालांकि बैंक का कहना है कि यह एक कॉमर्शियल निर्णय है और इसका मोदी सरकार के नोटबंदी से कोई संबंध नहीं है। भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य अरुंधति भट्टाचार्य ने ‘इंडिया टुडे ग्रुप’ से कहा कि ये डूबा हुआ नहीं माना जाएगा। इन्हें उन खातों में डाला गया है, जिस खाते को एकाउंट्स अंडर कलेक्शन कहा जाता है। प्रबंधन द्वारा मासिक समीक्षा और बोर्ड द्वारा तिमाही समीक्षा सहित इन सभी ऋणों की वसूली के लिए एक बहुत मजबूत प्रक्रिया है।
एसबीआई के 63 डिफाल्टरों का पूरा कर्ज छोड़ दिया है। वहीं 31 कर्जदारों का लोन आंशिक तौर पर छोड़ा गया है। 30 जून 2016 तक एसबीआई 48 हजार करोड़ रुपये का बैड लोन माफ कर चुका है।
इस बीच, राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। जेटली ने कहा कि write off का मतलब ये नहीं हुआ कि हमने क़र्ज़ माफ़ कर दिया। लोन अभी भी सभी लोगों को देना होगा।
विरोधियों का सरकार पर हमला
विरोधी लगातार मोदी सरकार पर बड़े-बड़े उद्योगपतियों के हित में काम करने का आरोप लगाते हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का सरकार पर आरोप है कि वो आम आदमी को लाइन में खड़ा कर उद्योगपतियों के कर्ज माफ कर रहे हैं। सरकार की घेराबंदी करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले से एक तरफ तो लोग लाइनों में लगे हैं, वहीं शराब कारोबारी विजय माल्या और ललित मोदी जैसे लोगों को आजाद छोड़ रखा है।
‘भगोड़ा’ घोषित विजय माल्या
हाल ही में मुंबई की एक स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने शराब कारोबारी विजय माल्या को ‘भगोड़ा’ घोषित किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने माल्या की सभी घरेलू संपत्ति, शेयर और डिबेंचर को जब्त करने का आदेश दिया है। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट माल्या को भगोड़ा घोषित कर चुका है, तो सुप्रीम कोर्ट ने उनको हलफनामा दायर कर देश-विदेश में जमा की गई सारी संपत्ति की जानकारी देने को कहा था। [एजेंसी]