नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली किडनी से जुड़ी बीमारी से पीड़ित हैं। संभावना जताई जा रही है कि उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट कराना पड़ सकता है।
एम्स के डॉक्टरों और केंद्रीय मंत्री से जुड़े नजदीकी सूत्रों ने बताया कि जेटली (65) सोमवार से कार्यालय भी नहीं जा रहे हैं। राज्यसभा के लिए दोबारा चुने जाने के बाद उन्होंने अभी तक संसद सदस्य की शपथ भी नहीं ली है। उन्हें जांच के लिए एम्स ले जाया गया था। जेटली ने एक ट्वीट में अपनी बीमारी की पुष्टि की है।
अस्वस्थता के चलते अगले सप्ताह होने वाली उनकी लंदन यात्रा को भी निरस्त कर दिया गया है। वह वहां 10वें भारत-ब्रिटेन आर्थिक एवं वित्तीय संवाद में भाग लेने वाले थे।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मेरा गुर्दे की बीमारी और कुछ संक्रमण को लेकर इलाज चल रहा है।’ एम्स से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि जेटली को किडनी ट्रांसप्लांट कराना पड़ सकता है। किडनी दान करने वाले से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
जेटली ने बीमारी के बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन यह जरूर कहा कि ‘वह घर से एक नियंत्रित वातावरण में काम कर रहे हैं। आगे मेरे इलाज का तौर-तरीका मेरा इलाज कर रहे डॉक्टर तय करेंगे।’
डॉक्टरों के परामर्श पर उन्हें यहां एम्स के कार्डियो-न्यूरो टावर में भर्ती कराया जा सकता है। यह विभाग एक अलग इमारत में है और अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण है। उनका ऑपरेशन अपोलो हॉस्पिटल के किडनी विशेषज्ञ डॉक्टर संदीप गुलेरिया कर सकते हैं। वह एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया के भाई हैं और जेटली के पारिवारिक मित्र भी।
हालांकि जेटली को अभी तक अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है लेकिन उन्हें संक्रमण से बचाव के लिए सार्वजनिक स्थान पर जाने से मना किया गया है।
आपको बता दें कि केंद्र में 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के कुछ दिन बाद ही जेटली का बड़ा ऑपरेशन हुआ था। सूत्रों का मानना है कि मौजूदा अस्वस्थता उसी से जुड़ी हो सकती है।