खंडवा उपचुनाव में कांग्रेस की आपसी कलह के चलते पूर्व सांसद और पीसीसी चीफ रहे अरुण यादव ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। हालांकि उन्होंने यह कहके इंकार किया की वह पारिवारिक कारणों के चलते चुनाव नहीं लड़ना चाहते। इधर आज जब कांग्रेस ने खंडवा लोकसभा के लिए अपने उम्मदवार की घोषणा की तो सभी हक्केबक्के रह गए। कांग्रेस ने खंडवा लोकसभा के लिए ठाकुर राज नारायण सिंह पुरनी को उम्मीदवार बनाया है। राज नारायण सिंह पुरनी अरुण यादव के धुर विरोधी माने जाते हैं
ठाकुर राज नारायण सिंह पुरनी निमाड़खेड़ी (अब मांधाता ) से तीन बार विधायक रह चुके हैं। उन्हें राजनीती का अच्छा अनुभव भी हैं। ठाकुर राज नारायण सिंह पुरनी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बेहद करीबी हैं। इस टिकट की दौड़ में सभी को पछाड़ कर उन्होंने लम्बे समय बाद फिर से अपना दम दिखाया हैं।
कमलनाथ सरकार गिरने के बाद मांधाता कांग्रेस से विधायक रहे नारायण पटेल ने अचानक कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दमन थम लिया था। उस समय हुए विधानसभा उपचुनाव में कमलनाथ ने ठाकुर राज नारायण सिंह पुरनी के पुत्र ठाकुर उत्तमपल सिंह पुरनी को टिकट देकर मांधाता से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया था हालांकि उत्तमपाल यह चुनाव नारायण पटेल से हार गए। अब एकबार फिर कांग्रेस ने लोकसभा उपचुनाव में पिता पर दाव खेला हैं। लोकसभा चुनाव में हमेशा से ठाकुर लॉबी का वर्चस्व रहा हैं। माना जारहा हैं कांग्रेस ठाकुर और दरबारो को साध कर उपचुनाव जीतने का पूरा प्रयास करेंगी।
राज नारायण सिंह पहले भी खोल चुके हैं अरुण यादव के खिलाफ मोर्चा!
राज नारायण सिंह पहले भी कांग्रेस नेता अरुण यादव के खिलाफ खुलकर बोले थे । राजनेतिक गलियारे में एक किस्सा बहुत प्रचिलित हुआ है ऐसा कहा जाता है की जब दोनों के बीच तकरार चल रही थी तब खंडवा में आयोजित एक समाज के सम्मेलन में ठाकुर राजनारायण सिंह और कांग्रेस नेता अवधेशसिंह सिसोदिया ने कांग्रेस नेता अरुण यादव पर कई आरोप लगाए थे? दोनों ही नेताओं ने तत्कालीन लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी स्वर्गीय नंदकुमारसिंह चौहान की जीत का श्रेय समाज की एकजुटता को देते हुए पुरानी गलती सुधारने की बात भी कही थी । हालांकि बाद में यह बयान भी आये थे की उनकी बाते को गलत तरीके से प्रचारित की गई बहराल जो भी हो लेकिन यह भी देखा गया की राज नारायण सिंह और अरुण यादव के बीच कभी राजनेतिक संबंध अच्छे नहीं रहे ?
पहले विरोधी अब एक दुसरे के सारथी
इस उपचुनाव में परिद्रश्य थोडा बदला हुआ दिख रहा है बताया जा रहा है की अरुण यादव ने जब खुद को चुनाव से अलग किया तो उन्होंने राज नारायण सिंह के नाम को आगे किया यही नहीं टिकट मिलने पर राज नारायण सिंह ने खुद कहा की अरुण यादव और वो मिलकर कांग्रेस की जीत तय करेंगे इस बार यह सीट कांग्रेस ही जीतेगी