इटानगर : अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस ने बड़ा बदलाव किया है। पार्टी बहुमत साबित कर पाई तो नबाम तुकी के स्थान पर पेेमा खांडू मुख्यमंत्री होंगे। माना जा रहा है कि बागी विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए यह कदम उठाया गया है। अगर ऐसा है तो कहा जा सकता है कि कांग्रेस ने संकट हल अपनी सरकार बचा ली है। हालांकि पूरी तस्वीर कुछ समय बाद साफ हो जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, खांडू को विधायक दल का नेता चुन लिया है, वहीं तुकी ने इस पद से इस्तीफा दे दिया है। बहरहाल, सबसे बड़ा सवाल यही बना हुई है कि आखिर कांग्रेस कैसे सरकार बचाएगी।
मालूम हो, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बहाल मुख्यमंत्री नबाम तुकी को राज्यपाल ने शक्ति परीक्षण के लिए 10 दिन का समय देने से इन्कार कर दिया है। राज्यपाल ने शनिवार तक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है।
पेमा ही अब वही सदन में बहुमत साबित करेंगे। वहीं नबाम तुकी ने इस्तीफा दे दिया है। दरअसल कांग्रेस के 20 बागी विधायकों ने संकेत दिए हैं कि पार्टी अगर नेतृत्व में परिवर्तन करती है तो वह बगावती तेवर छोड़ पार्टी में वापस लौट सकते हैं।
अगर ये विधायक सदन में कांग्रेस का समर्थन करते हैं तो 60 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी के पास 35 विधायकों का समर्थन होगा और इस तरह वह आसानी से बहुमत साबित कर लेगी।
इससे पहले शुक्रवार दोपहर तुकी ने शक्ति परिक्षण के लिए राज्यपाल से 10 दिनों का वक्त मांगा था। वहीं अरुणाचल विधानसभा अध्यक्ष नाबाम रबिया ने संकेत दिए थे कि वह सदन में शक्ति परीक्षण की स्थिति में नहीं हैं। विधानसभा सचिवालय से जुड़े सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि शनिवार दोपहर 1 बजे शक्ति परिक्षण निर्धारित की गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने अहम फैसला सुनाते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार को बड़ा झटका दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार बहाल करते हुए राष्ट्रपति शासन रद्द कर दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस के बागी किलखो पुल की सरकार की जगह नबाम तुकी ने मुख्यमंत्री के रूप में कामकाज संभाल लिया था