नई दिल्ली : हाल ही में खत्म हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में ईवीएम में कथित गड़बड़ी को लेकर छिड़ा विवाद थम नहीं रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताई है। केजरीवाल ने बुधवार को मीडिया के सामने कहा कि चुनाव में कई एक्सपर्ट लोगों ने कहा कि पंजाब में अकाली दल के खिलाफ लोगों में गुस्सा है और आम आदमी पार्टी जीत रही है। इसके बावजूद चुनाव में ‘आप’ को 25 फीसदी वोट मिले और अकाली दल को 31 फीसदी, आखिर ये कैसे संभव है?
अरविंद केजरीवाल ने आशंका जताई कि ईवीएम के जरिए यह संभव है कि आम आदमी पार्टी का 20 से 25 प्रतिशत वोट शेयर शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन को ट्रांसफर कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर जनता के मन में एक अविश्वास का माहौल है। यह चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह लोगों के मन से इस अविश्वास को निकाले ताकि जनता का भरोसा चुनाव व्यवस्था पर बना रहे। केजरीवाल ने कहा हम गोवा में अपनी हार को स्वीकार करते हैं लेकिन पंजाब को लेकर हमारे मन में कई सवाल हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग को वीवीपीएटी (वोट डालने के बाद ईवीएम से मिलने वाली पर्ची) और ईवीएम के परिणाम का मिलान करना चाहिए। अगर ये दोनों आंकड़े आपस में मेल खाते हैं तो लोगों को विश्वास चुनाव आयोग पर और बढ़ेगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई बूथों पर हमारे कार्यकर्ताओं की शिकायत आई है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी को वोट दिया लेकिन मतगणना में उस बूथ पर वोट ही कम निकले। बूथ पर ‘आप’ को मिले वोटों की संख्या हमारे कार्यकर्ताओं के वोटों से भी कम निकली, तो फिर हमारे कार्यकर्ताओं के वोट कहां गए? गौरतलब है कि मंगलवार को एमसीडी चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की थी। इसके बाद कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर से चुनाव कराने को कहा। हालांकि चुनाव आयोग ने दोनों दलों की मांग ठुकराते हुए कहा कि चुनाव ईवीएम मशीन के जरिए ही होंगे।