मुंबई : महाराष्ट्र में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत को पार्टी का मुख्य प्रवक्ता नियुक्त किया है। उन्हें यह जिम्मेदारी संजय राउत के समकक्ष मिली है। अभी तक संजय राउत अकेले ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता थे। अब अरविंद सावंत की नियुक्ति को संजय राउत का कद घटाने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।
शिवसेना ने बुधवार को सावंत को पार्टी का मुख्य प्रवक्ता बनाया है। बता दें कि सांसद अरविंद सावंत पहले भी पार्टी के प्रवक्ता रह चुके हैं। साल 2019 से पहले भाजपा और शिवसेना गठबंधन में थी, तो वे केंद्रीय कैबिनेट में शिवसेना के अकेले मंत्री थे।
शिवसेना ने बुधवार को पार्टी के मुखपत्र सामना में अपने प्रवक्ताओं की एक नई सूची प्रकाशित की। राज्यसभा सदस्य और सामाना के कार्यकारी संपादक राउत को पिछले साल सितंबर में पार्टी का मुख्य प्रवक्ता बनाया गया था। सावंत को शिवसेना प्रमुख नियुक्त करने का कदम राउत के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अनिल देशमुख को ‘एक्सीडेंटल होम मिनिस्टर बता दिया था। संजय राउत के मुख्य प्रवक्ता रहते हुए सावंत की नियुक्ति को राउत के पर काटने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। संजय संजय राउत के मुख्य प्रवक्ता रहते हुए सावंत की नियुक्ति को राउत के पर काटने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
संजय राउत के ‘एक्सीडेंटल होम मिनिस्टर’ वाले बयान के बाद महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने मंगलवार को कहा कि उन्हें कुछ भी बोलने से पहले थोड़ा सोच लेना चाहिए। राउत को राज्य में सहयोगी कांग्रेस से भी तब आलोचना का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने सुझाव दिया कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालना चाहिए। बता दें कि वर्तमान में यूपीए की अध्यक्षता कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी कर रही हैं।
शिवसेना के प्रवक्ता चुने गए अरविंद सावंत वही हैं, जिनपर महाराष्ट्र की अमरावती सीट से निर्दलीय लोकसभा सांसद नवनीत राणा ने धमकी देने का आरोप लगाया था। राणा ने आरोप लगाया था कि लोकसभा में सोमवार को सचिन वाजे केस उठाने पर शिवसेना सांसद ने लोकसभा लॉबी में जेल भेजने की धमकी दी। महिला सांसद ने इस मामले की शिकायत लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से करते हुए कार्रवाई की मांग की थी।
बता दें कि एंटीलिया प्रकरण सामने आने के बाद संजय राउत के बयानों से पार्टी का शीर्ष नेतृत्व खुश नहीं था। गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को लेकर दिए बयान से भी गठबंधन पर असर को लेकर शीर्ष नेतृत्व की चिंता बढ़ गई थी। वहीं शरद पवार को यूपीए का नेतृत्व करने की बात कह कर भी संजय राउत को गठबंधन के अहम दल कांग्रेस के गुस्से का शिकार होना पड़ा।