ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘आधिकारिक तौर पर भूमि पूजन में हिस्सा लेना प्रधानमंत्री की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा। धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल भावना है।’
भगवान राम की जन्म स्थली अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए तैयारियां पूरे जोरों पर हैं जो पांच अगस्त को मंदिर निर्माण के भूमि पूजन समारोह में शामिल होने यहां आएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंदिर निर्माण के भूमि पूजन समारोह में शामिल होने पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन नेता असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में भूमि पूजन का हिस्सा बनना प्रधानमंत्री पद की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा।
ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘आधिकारिक तौर पर भूमि पूजन में हिस्सा लेना प्रधानमंत्री की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा। धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल भावना है।’
साथ ही उन्होंने कहा लिखा है, ‘हम भूल नहीं सकते कि 400 साल तक अयोध्या में बाबरी मस्जिद खड़ी रही थी और उसे 1992 में अपराधी भीड़ ने ढहा दिया था।।।’
बता दें, जिन सड़कों से प्रधानमंत्री का काफिला गुजरेगा, वहां दोनों ओर की इमारतों पर पीला रंग-रोगन किया जा रहा है जिनपर रामायाण के विभिन्न पात्रों की तस्वीरें उकेरी जा रही हैं। पीएम मोदी साकेत कॉलेज स्थित हेलीपैड से राम जन्मभूमि पहुंचेंगे।
अयोध्या सूचना विभाग के उपनिदेशक मुरलीधर सिंह ने बताया कि सड़क की तीन किलोमीटर की पट्टी के दोनों ओर की इमारतों पर रंग-रोगन और रामायण के विभिन्न पात्रों की तस्वीरें उकेरने का काम अयोध्या नगर निगम कर रहा है।
उन्होंने बताया कि साकेत में हेलीपैड पर भगवान राम और मां सीता के आदमकद रेखाचित्र नजर आएंगे, वहीं सड़कों के दोनों ओर इमारतों की दीवारों पर रामायण के विभिन्न चरित्रों की तस्वीरें दिखेंगी।
अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री हनुमानगढ़ी भी जाएंगे और यहां जाने वाले रास्ते के दोनों ओर की इमारतों को भी सजाया-संवारा जा रहा है।
प्रधानमंत्री के दौरे वाले दिन अयोध्या में अनेक सड़कों और मंदिरों को फूलों से सजाया जाएगा तथा सरयू नदी के किनारे और विभिन्न मंदिरों में एक लाख से अधिक दीपक जलाए जाएंगे।
राम जन्भूमि मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन समारोह के अवसर पर मंदिर प्रशासन लोगों और श्रद्धालुओं में वितरण के लिए ‘प्रसाद’ के एक लाख से अधिक पैकेट उपलब्ध कराएगा।