गृह मंत्री अमित शाह और एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बीच सोमवार को लोकसभा में एनआईए बिल पर चर्चा के दौरान नोक-झोंक देखने को मिली। ये सिलसिला सदन के बाहर भी जारी है। ओवैसी ने सदन के बाहर इसे लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है।
उन्होंने कहा कि जो कोई भी भाजपा के फैसलों का समर्थन नहीं करता है, वे उन्हें देशद्रोही कहते हैं। क्या उन्होंने नेशनल और एंटी नेशनल की दुकान खोली हुई है?
अमित शाह अपनी उंगली उठाकर हमें धमकी देते हैं लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि वे सिर्फ एक गृह मंत्री हैं, भगवान नहीं। उन्हें पहले नियम पढ़ना चाहिए।
ओवैसी का यह बयान लोकसभा में एनआईए संशोधन विधेयक पास होने के बाद आया है। इससे पहले सदन में इस बिल पर चर्चा के दौरान अमित शाह और ओवैसी में झड़प देखने को मिली।
शाह ने विपक्ष की शंका का जवाब देते हुए कहा कि इस कानून के दुरुपयोग की कोई मंशा नहीं है। आतंकवाद को खत्म करने के लिए इस कानून का इस्तेमाल किया जाएगा।
इस दौरान यह भी कतई नहीं देखा जाएगा कि इसमें किस धर्म के व्यक्ति शामिल है। शाह ने इस दौरान यह भी कहा कि पोटा कानून को दुरुपयोग के कारण नहीं, बल्कि वोट बैंक के कारण खत्म किया गया था।
ओवैसी ने इस दौरान कहा कि आप गृह मंत्री हैं तो डराइए मत। इस पर शाह ने कहा कि वह डरा नहीं रहे हैं, लेकिन अगर आपको डर लगता है तो क्या किया जा सकता है।
इससे पहले चर्चा के दौरान सत्यपाल सिंह ने कहा कि हैदराबाद के एक पुलिस प्रमुख को एक नेता ने एक आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका था और कहा कि वह कार्रवाई आगे बढ़ाते हैं तो उनके लिए मुश्किल हो जाएगी।
इसके बाद ओवैसी अपने स्थान पर खड़े हो गए और कहा कि भाजपा सदस्य जिसका उल्लेख कर रहे हैं और जिनकी बात कर रहे हैं वो यहां मौजूद नहीं हैं। क्या भाजपा इसकी सबूत सदन के पटल पर रख सकती है?
तभी शाह अपनी सीट से उठ गए और उन्होंने कहा कि आप पहले क्यों नहीं बोले। ओवैसी साहब सुनने की आदत डालिए।