एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए सरकार द्वारा बल प्रयोग करने की आशंका जाहिर की। शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले 50 दिनों से प्रदर्शन हो रहा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने ओवैसी से पूछा कि क्या ऐसे संकेत हैं कि 8 फरवरी के बाद सरकार शाहीन बाग से प्रदर्शनाकरियों को हटवा देगी।
उसके जवाब में ओवैसी ने कहा, ‘हो सकता है वे उन्हें गोली मार दें। वे शाहीनबाग को जलियांवाला बाग भी बना सकते हैं। ऐसा हो सकता है। भाजपा मंत्रियों ने गोली मारने वाले बयान दिए हैं। सरकार को जवाब देने होगा कि कौन कट्टरपंथी है।’
एनपीआर और एनआरसी के सवाल पर ओवैसी ने कहा, ‘सरकार को बिल्कुल सीधे सीधे बता देना होगा कि 2024 तक एनआरसी लागू नहीं की जाएगी। एनपीआर पर 3900 करोड़ रुपये खर्च क्यों कर रहे हैं? मैं इस तरीके से इसलिए सोचता हूं कि क्योंकि मैं इतिहास का छात्र रहा हूं। हिटलर ने अपने राज में दो बार जनगणना करवाई और उसके बाद यहूदियों को गैस चैंबर में डाल दिया। मैं नहीं चाहता कि हमारे देश में भी वैसा ही हो।’
शाहीन बाग और जामिया इलाके में तीन बार फायरिंग की घटना हो चुकी है। वहीं, दिल्ली पुलिस के डीसीपी राजेश देव के खिलाफ कड़ा संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने बुधवार को कहा कि उनका बयान ‘पूरी तरह अवांछित’ था। आयोग ने उन्हें चुनावी कार्य से रोक दिया है।
गौरतलब है कि देव ने मीडिया के साथ जांच का ब्योरा साझा किया था जिसमें शाहीन बाग के शूटर का संबंध आम आदमी पार्टी से बताया गया था।
दिल्ली के पुलिस आयुक्त को भेजे पत्र में चुनाव आयोग ने कहा कि देव का यह कदम पूरी तरह से अवांछित था और उनके इस व्यवहार से ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने पर असर पड़ेगा।’
देव ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा था कि शाहीन बाग में शनिवार को गोलीबारी करने वाला कपिल बैसला आप का सदस्य है। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया।
आयोग ने दिल्ली पुलिस को बृहस्पतिवार को शाम छह बजे तक अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।