महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर रस्साकशी जारी है। मुख्यमंत्री पद की मांग कर शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी हुई है, वहीं भाजपा अभी इंतजार की रणनीति अपना रही है। इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन पर तंज कसा है।
उन्होंने पूछा है कि ये 50-50 क्या है? क्या ये एक नया बिस्किट है? साथ ही ओवैसी ने कहा कि इन लोगों को जनता की समस्याओं से कोई लेना देना है।
ओवैसी ने कहा कि ‘ये 50-50 क्या है? कुछ महाराष्ट्र की जनता के लिए बचाकर रखिए। उन्हें (भाजपा और शिवसेना) सतारा में हुई बारिश से हुए नुकसान पर कोई चिंता नहीं है। वे लोग केवल 50-50 पर बात कर रहे हैं। यह किस तरह का ‘सबका साथ सबका विकास’ है?’
गौरतलब है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन के पक्ष में नतीजे आने के बावजूद दोनों दलों में अब तक सरकार गठन को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि सबसे बड़ा दल होने के नाते भाजपा को सरकार गठन का अधिकार है। भाजपा को बहुमत साबित करने को 15 दिन का समय दीजिए, अगर वह ऐसा नहीं कर पाती है तो शिवसेना बहुमत साबित करेगी।
राउत ने कहा कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनाने का फार्मूला चुनाव से पहले तय हो गया था। भाजपा अब उससे पीछे हट रही है।
इसके साथ ही राउत ने कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद हुसैन दलवई के सोनिया गांधी को लिखे पत्र का भी स्वागत किया। दलवई ने पत्र लिखकर शिवसेना का समर्थन करने का अनुरोध किया था।
हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना आखिरी पल तक गठबंधन धर्म को निभाएगी। राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालातों पर विचार करें तो शिवसेना और भाजपा को छोड़कर सभी दल एक दूसरे से बातचीत कर रहे हैं। हमने सरकार बनाने को लेकर कभी बातचीत बंद नहीं की, लेकिन बात कभी शुरू भी नहीं हुई।