एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) पर बहस की चुनौती दी है। अमित शाह ने लखनऊ में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, ममता बनर्जी और अखिलेश यादव को बहस की चुनौती दी थी।
ओवैसी ने कहा कि उनके साथ बसह क्यों? मेरे साथ बहस करो। करीमनगर में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर बहस करने के लिए तैयार हैं। ओवैसी ने कहा कि तुम्हें मेरे साथ बहस करनी चाहिए। मैं यहां हूं। मेरे साथ बहस क्यों नहीं करते?
नागरिकता संशोधन कानून पर असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आमना-सामना करने की चुनौती दी।
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सीएएए पर अखिलेश, राहुल और ममता को बहस की चुनौती दिए जाने पर कहा कि उनसे क्यों बहस करेंगे, मुझसे करिए। दरअसल, लखनऊ में मंगलवार को अमित शाह ने रैली के दौरान नागरिकता कानून पर बहस करने की खुली चुनौती दी थी।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, करीमनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि वे नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी पर बहस करने के लिए तैयार हैं। उन्होने कहा कि आपको मेरे साथ बहस करनी चाहिए। उनके साथ बहस क्यों? बहस एक दाढ़ी वाले शख्स के साथ होनी चाहिए। मैं सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर बहस कर सकता हूं।
अमित शाह ने कहा था – केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए मंगलवार को उन्हें चुनौती दी कि जिसको विरोध करना है, करे लेकिन सीएए वापस नहीं होने वाला है। शाह ने सीएए के समर्थन में राजधानी के बंग्लाबाजार स्थित कथा पार्क में आयोजित विशाल जनसभा में कहा, ‘इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। यदि ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है, तो उसे साबित करके दिखाओ।’ उन्होंने कहा, ‘देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं। सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है … मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होने वाला है।’
कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दल को बहस की चुनौती- गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी है। उन्होंने कहा, ‘सीएए के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इससे देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। मैं कहने आया हूं कि जिसमें भी हिम्मत है वह इस पर चर्चा करने के लिये सार्वजनिक मंच ढूंढ ले। हम चर्चा करने के लिये तैयार हैं।
शाह ने कहा कि सीएए की कोई भी धारा मुसलमान तो छोड़ दें, किसी भी बाशिंदे की नागरिकता लेती हो तो बता दें। गृह मंत्री ने दावा किया, ‘बंटवारे के वक्त पूर्वी पाकिस्तान में 30 प्रतिशत और पश्चिमी पाकिस्तान में 23 प्रतिशत हिन्दू, सिख बौद्ध और जैन थे मगर अब वहां अब वे सिर्फ सात और तीन प्रतिशत ही रह गये हैं। बाकी कहां गये? वे या तो मार दिये गये या उनका धर्म परिवर्तन किया… या फिर भारत आकर शरण ली। इन आंखों के अंधों को दिखायी नहीं दिया कि करोड़ों लोगों पर अत्याचार हुआ।