अमेरिका की एक आयोग ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) पर सवाल उठाए हैं। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता (USCIRF) पर बनी इस कमीशन ने कहा है कि असम में एनआरसी का इस्तेमाल करते हुए अल्पसंख्यकों और मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है।
USCIRF ने कहा कि कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने एनआरसी पर सवाल उठाए हैं। इन सबका कहना है कि असम में बंगाली मुसलमानों को निशाना साधने का ये तरीका है।
बता दें कि भारत पहले ही कह चुका है कि असम की राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को गलत तरह से अल्पसंख्यक अधिकारों के मुद्दे से जोड़ा जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के एक विशेष प्रतिनिधि द्वारा एनआरसी के चलते मानवीय संकट की संभावना जताए जाने के बाद भारत ने कहा था कि किसी को भी बिना समझ के आधार पर गलत निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए।
बता दें कि असम में 30 जुलाई, 2018 को एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी की गई थी। इसमें शामिल होने के लिए असम में 3।29 करोड़ लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें से 40.07 लाख आवेदकों को जगह नहीं मिली थी।
असम पहला राज्य है जहां भारतीय नागरिकों के नाम शामिल करने के लिए 1951 के बाद एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है।
एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी की रात जारी किया गया था, जिसमें 1।9 करोड़ लोगों के नाम थे।