योग गुरू और इस स्कूल के कर्ताधर्ता स्वामी विवेकानंद सरस्वती उर्फ नारसिस तारकाउ पर स्कूल के 16 पुराने अनुयायियों ने शारीरीक शोषण करने का गंभीर आरोप लगाया है। इनमें 14 पुरूष और 2 महिलाएं शामिल हैं।
सबसे पहले यहां आपको बता दें कि यह योग स्कूल थाइलैंड के सबसे खूबसूरत आइलैंड कोह पेंगान में बना हुआ है। Spuntik International के हवाले से द गार्जियन ने लिखा है कि इस योग स्कूल पर आरोप है कि करीब 100 महिलाओं को यहां तंत्र विद्या के नाम पर योग गुरू के साथ शारीरीक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। इनमें से कुछ यूके, ब्राजील, यूएस और कनाडा की महिलाएं भी शामिल हैं।
इतना ही नहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि इनमें से 40 महिलाओं को यहां के वरिष्ठ पुरूष कर्मचारियों ने भी अपनी हवस का शिकार बनाया है। इन लोगों का यह भी कहना है कि यौन शोषण ‘अगम योग’ स्कूल में आम बात है। यहां आने वाले लोग स्वामी विवेकानंद सरस्वती पर आंखें मूंद कर भरोसा करते हैं।
योग गुरू सेक्स को धर्म से जोड़ते हैं और फिर महिलाओं का यहां ब्रेन वॉश किया जाता है ताकि उनका यौन शोषण किया जा सके।The South China Morning Post के मुताबिक यौन शोषण की एक पीड़िता ने कहा है कि स्कूल के अंदर उनके साथ जो कुछ भी हुआ उससे वो मानसिक तौर पर काफी परेशान हो गई हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल के अंदर की उन भयानक यादों को वो कभी भूल नहीं पाएंगी।
इधर ‘अगम योग’ स्कूल के संस्थापक पर गंभीर आरोप लगने के बाद यहां खलबली मच गई है। स्कूल प्रशासन की तरफ से इसपर सफाई देते हुए कहा गया है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल के संस्थापक विवेकानंद सरस्वती ने स्कूल की सभी प्रशासनिक और शिक्षण संबंधी जिम्मेदारियों से खुद को अलग करने का फैसला किया है।
विवेकानंद सरस्वती ने देश भी छोड़ दिया है। स्कूल ने उन सभी महिलाओं से माफी मांगी है जिन्होंने स्कूल पर यौन शोषण का आरोप लगाया है लेकिन योग स्कूल प्रबंधन ने स्कूल में युवतियों के यौन शोषण की बात से इनकार किया है।
हालांकि अभी भी यह योग स्कूल सुचारू रूप से चलाया जा रहा है। खबर यह भी है कि इतने संगीन आरोप लगने के बाद स्कूल प्रबंधन ने जांच के लिए कमेटी भी बनाई है।
बता दें कि स्वामी विवेकानंद सरस्वती मूल से रोमानिया के रहने वाले हैं। भारत के ऋषिकेश में समय गुजारने के बाद वो थाइलैंड पहुंचे। ऋषिकेश को योग की जन्मस्थली कहा जाता है।