अजमेर शरीफ दरगाह राजस्थान के अजमेर शहर में स्थित है। यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है। अजमेर शरीफ के प्रति सभी धर्म के लोगों के मन में श्रद्धाभाव है। माना जाता है कि इसमें ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलैह की कब्र स्थित है। इसे गरीब नवाज के नाम से भी जाना जाता है। अजमेर शरीफ की दरगाह से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित है।
जिसमे से एक कथा के अनुसार कई तीर्थ यात्रा पैदल करते हुए ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती अजमेर पहुंचे। अजमेर में पहुंचने के बाद उन्होंने उसे अपना निवास स्थान बना लिया तथा लोगों को प्यार और सद्भावना का पाठ पढ़ाया।
वहीँ दरगाह की मान्यता है कि अजमेर शरीफ दरगाह जाकर लोगों के मन को सुकून मिलता है तथा उनके सारे दुख दूर हो जाते हैं। मुगल काल में बादशाह अकबर को भी इनकी ही दुआ से पुत्र की प्राप्ति हुई थी, तथा बादशाह ने आगरा से अजमेर तक पैदल यात्रा करके उनके दरगाह पर चादर चढ़ाया था।
अजमेर शरीफ में दो विशाल देग (खाना पकाने के बर्तन) हैं। यह देग बादशाह अकबर और जहांगीर ने भेंट किए थे। हर वर्ष हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्ला अलैह की मजार पर उर्स के दौरान इन दो देगो में खाना बनता है जो गरीबों में बांट दिया जाता है।