सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐसे लोग केवल मुट्ठी भर हैं, जो मानवता की सेवा करने वालों के खिलाफ ऐसा रवैया अख्तियार कर रहे हैं। फिर भी पीड़ित मानवता को बचाने के लिए आपके काम में कोई बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।
इंदौर में कोरोना संक्रमण की स्क्रीनिंग करने पहुंची डॉक्टरों की टीम पर हमले को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सख्त रुख अख्तियार किया है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने वाले डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, आशा और उषा कार्यकर्ता, राजस्व अमला, नगरीय निकाय के कर्मचारियों से अपील की है कि वे कोरोना के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखें। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है।
शिवराज ने इंदौर की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि घटना में शामिल सभी अराजक तत्वों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। कुछ को गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
सीएम ने कहा कि ऐसे लोग केवल मुट्ठी भर हैं, जो मानवता की सेवा करने वालों के खिलाफ ऐसा रवैया अख्तियार कर रहे हैं। फिर भी पीड़ित मानवता को बचाने के लिए आपके काम में कोई बाधा डालेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।
सीएम ने कहा कि, ‘लोगों की जिंदगी के लिए जरूरी है कि आप अपने काम में जुटे रहें। मैं आपकी कर्तव्यनिष्ठा को प्रणाम करता हूं। मैं और पूरा प्रदेश आपके साथ है।’
वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी इंदौर की घटना को कायराना करतूत करार दिया है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स पर हमले की घटना कायराना करतूत है।
डॉक्टर इस वक्त मानवता की सेवा के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर इलाज का काम कर रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों पर हमले करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी घटना की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया है कि, ‘प्रदेश के इंदौर के रानीपुरा में पूर्व में व कल टाटपट्टी बाखल में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हुए दुर्व्यवहार व पथराव की घटना बेहद दुःखद व निंदनीय। ऐसा कृत्य करने वाले समाज, इंसानियत व मानवता के दुश्मन।’
दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि, ‘संकट की इस घड़ी में अपनी जान जोखिम में डालकर जनता की सुरक्षा कर रहे व अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मियों व प्रशासन के अधिकारियों का सभी को आगे आकर सहयोग करना चाहिए और उनके सेवा के जज़्बे को सलाम करना चाहिए।’
दरअसल इंदौर के टाट पट्टी बाखल इलाके में बीते दिनों एक शख्स की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। उसके संपर्क में जो लोग भी आए थे, स्वास्थ्य विभाग की टीम उनकी स्क्रीनिंग के लिए गई थी, लेकिन सहयोग तो दूर लोगों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम का विरोध करना शुरू कर दिया।
इसके बाद भीड़ गुस्सा गई और टीम के साथ मारपीट की। मारपीट के बाद भीड़ ने टीम के सदस्यों पर पथराव कर दिया।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए इस इलाके को सील किया गया था और सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग भी की गई थी, जिसे गुस्साई भीड़ ने तोड़ दिया था।