भोपाल- आने वाले 9 सालों के भीतर ब्रेन ट्यूमर के 5 प्रतिशत मरीजों में इजाफा हो जाएगा। यह आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के लिए चौंकाने वाले हो सकते हैं, लेकिन यह सच हैं। हाल ही में आयुष मेडिकल एसोसिएशन की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। मुख्य कारण खानपान के साथ-साथ तनाव बढ़ना भी है, जिसके कारण ब्रेन ट्यूमर होता है।
रिपोर्ट के के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के मामलों में ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले 9 सालों में जीवन शैली में होने वाले उतार-चढ़ाव को देखते हुए ऐसे आंकलन सामने आ रहे हैं कि प्रदेश और भोपाल मेें ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी से 5 प्रतिशत मामले बढ़ सकते हैं। यह बीमारी बच्चों में 15 साल तक और बड़ों में 50 साल की उम्र से शुरू हो जाती है।
रखें ध्यान: यह होते हैं ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
ब्रेन ट्यूमर की पहचान करने के लिए उसके लक्षणों पर ज़ोर दिया जाता है। उसके लक्षणों मे सिरदर्द का बने रहना, उल्टियां होना, दौरे पड़ना, सुस्तीपन आना, शरीर कमजोर होते जाना, अचानक वजन बढ़ जाना, चेहरा फीका पड़ते जाना, चलने की गति में कमी और लड़खड़ाकर चलना, एक आंख की पहल में परिवर्तन, पलक झपकाने में परेशानी, कुछ भी बड़बड़ाना जैसे ब्रेन ट्यूमर के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसका समय पर इलाज जरूरी होता है, जिससे इस पर काबू पाया जा सकता है।
समय पर हो इलाज
मस्तिष्क या ब्रेन के किसी भाग में कोशिकाओं का असामान्य तरीके से बढ़ना या मस्तिष्क के किसी भी कोशिकाओं में गांठ बन जाना ब्रेन ट्यूमर कहलाता है। यह मस्तिष्क के अलग-अलग हिस्सों में कहीं भी जन्म ले सकता है। जिसे मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर, मेलिगेंट, मेडिलोब्लास्टोमा, पिट्यूटरी एडेनोमा जैसे नामों से जाना जाता है। यदि इन बीमारियों का सही समय पर इलाज नहीं मिले, तो व्यक्ति की जान जाने का खतरा भी बन जाता है।
रिपोर्ट से पता चला है अत्याधिक तनाव और खानपान का संतुलन न होने से ब्रेन ट्यूमर के मरीज सामने आए हैं। रिपोर्ट के आधार पर 2025 में 5 प्रतिशत मामले ब्रेन ट्यूमर के बढ़ सकते हैं।
डॉ. राकेश पाण्डे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आयुष मेडिकल एसोसिएशन
[एजेंसी]