मेलबॉर्न- ऑस्ट्रेलियन ग्रींस प्लांट ने भारत के बड़े बड़े करोबारी गौतम अडाणी के स्वामित्व वाले क्वींसलैंड स्थित 1.6 करोड़ के कोयला प्रोजेक्ट को लेकर सीनेट को जांच के लिए एक नोटिस जारी किया है।
ऑस्ट्रेलिया ग्रींस की सीनेटर लॉरिसा वॉटर ने कहा कि मीडिया में हुए हालिया खुलासों से अडाणी के स्वामित्व वाली एबॉट प्वांट कोल टर्मिनल और कारमाइकल खदान परियोजनाओं में पारदर्शिता की कमी की बात सामने आई है। साथ ही इन पर कर चुकाने में टालमटोल का आरोप भी लगा है।
उन्होंने बताया कि ग्रींस ने हमें तत्काल जांच के लिए कहा है। हम ग्रेट बैरियर रीफ से करोड़ों टन कोयले का निर्यात करने के लिए स्थापित ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी कोयला खदान और बंदरगाह से बातचीत कर रहे हैं।
फायरफॉक्स मीडिया रिपोर्टों की मानें तो ऐसा लगता है कि गौतम अडानी का ऑस्ट्रेलिया की अपनी कोयला कंपनी से संबद्ध कंपनियों पर नियंत्रण नहीं है। उनके बड़े भाई विनोद अडानी अहम पदों पर काबिज हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर पैसों के घपले में विनोद का भी नाम है। आरोप है विनोद ने कथित तौर पर भारतीय निवेशकों के 100 करोड़ रुपए विदेश में अडाणी की तीन कंपनियों में लगाए हैं।
इन आरोपों पर सफाई देते हुए अडानी के प्रवक्ता ने कहा कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। इन कंपनियों के स्वामित्व की संरचनाओं के लिहाज से सभी चीजें ठीक हैं। इन परिसंपत्तियों पर लागू होने वाली धन व्यवस्थाओं के लिए विभिन्न नियामकों का क्रमश पालन किया गया है।