नई दिल्ली- नये सड़क सुरक्षा विधेयक के प्रस्तावित प्रावधानों के अनुसार, नाबालिग के गाड़ी चलाने पर उसके अभिभावक या गाड़ी के मालिक पर 20 हजार रुपये तक का जुर्माना और तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है। इसके अलावा वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर भी रद्द किया जा सकता है।
प्रस्तावित सिफारिशों में सर्वसम्मति से तय किया गया है कि नाबालिगों द्वारा ड्राइविंग, गाड़ी चलाने के समय फोन से बात करने, नशे में गाड़ी चलाने, ओवरस्पीड, ट्रैफिक लाइट के उल्लंघन पर जुमार्ने के कड़े प्रावधान हों। गलत लाइसेंस के साथ गाड़ी चलाने पर दस हजार रुपये के जुर्माने के साथ एक साल के कारावास की सिफारिश की गई है। फिलहाल इसके लिए 500 रुपये का जुर्माना और तीन माह के कारावास का प्रावधान है।
कार निर्माता कंपनियों को अपने वाहनों में खराब डिजाइन और जरूरी सुरक्षा फीचर न होने पर सौ करोड़ रुपये तक का जुर्माना चुकाने के साथ वाहनों को रिकॉल करना पड़ सकता है। नये सड़क सुरक्षा विधेयक के तहत अनधिकृत कंपोनेंट और मैन्यूफैक्चरिंग या मेनटेनेंस से जुड़े उल्लंघन जैसे फॉग लाइट, प्रेशर हॉर्न, एक्स्ट्रा लाइट, रूफ टॉप कैरियर और मेटैलिक प्रोटेक्टर के इस्तेमाल के लिए लोगों को 5,000 रुपये तक का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।
डीलर और व्हीकल बॉडी बनाने वालों पर ऐसे अपराध के लिए एक लाख रुपये प्रति वाहन का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा कंपोनेंट डीलरों पर नॉन अप्रूव्ड क्रिटिकल सेफ्टी कंपोनेंट बेचने के लिए एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।