‘‘जाग जाइये, दुनिया के महत्वपूर्ण प्रधानमंत्री आ रहे हैं।’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी इस्राइल यात्रा को इस्राइल के एक प्रमुख बिजनेस दैनिक में एक लेख में कुछ इस प्रकार से पेश किया गया है। किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली इस्राइल यात्रा होगी।
बिजनेस दैनिक ‘‘द मार्कर’’ में इसके हिब्रू संस्करण में प्रकाशित एक लेख में भारत -इस्राइल संबंधों पर चर्चा करते लिखा गया है कि इस्राइलियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यहूदी राष्ट्र की यात्रा से काफी उम्मीदें लगा रखी थीं लेकिन उन्होंने बहुत अधिक कुछ नहीं किया, जबकि मोदी 1 .25 अरब आबादी के नेता हैं और उनकी व्यापक लोकप्रियता है। वह विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक का प्रतिनिधित्व करते हैं और वो काफी तव्वजो पाने के हकदार हैं।
अन्य स्थानीय समाचारपत्रों और न्यूज पोर्टल ने भी मोदी की तीन दिवसीय बहुप्रचारित यात्रा को काफी जगह दी है। द यरूशलम पोस्ट ने तो ‘‘मोदी विजिट’’ पर अलग से एक लिंक तक बनाया है जहां उसने भारत से संबंधित लेख डाले हैं। अधिकतर स्थानीय कमेंटेटर ने मोदी के ‘‘रामल्लाह नहीं जाने ’’ पर काफी ध्यान दिया है और कहा है कि यह यात्रा केवल इस्राइल के साथ भारत के संबंधों पर केंद्रित है।
अरूत्ज शेवा ने एक रिपोर्ट में लिखा है, ‘‘अधिकतर विश्व नेताओं के विपरीत मोदी जो कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र पर राज करते हैं, उन्होंने अपनी इस्राइल यात्रा के दौरान परोक्ष रूप से रामल्लाह जाने से इंकार कर दिया है और वह फलस्तीनी प्राधिकरण के प्रमुख महमूद अब्बास या पीए के किसी अन्य नेता से भी कोई मुलाकात नहीं करेंगे।’’
पीए नेता की मई में भारत यात्रा के दौरान मोदी ने अब्बास से मुलाकात की थी और वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने इस्राइल यात्रा के दौरान रामल्लाह में अब्बास के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू ने पिछले रविवार को अपने भारतीय समकक्ष की इस्राइल यात्रा का स्वागत किया था और साप्ताहिक कैबिनेट बैठक में इसे बेहद महत्वपूर्ण करार दिया था।