अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। कोर्ट ने सुनवाई शुरू करते हुए कहा कि यह मामला जमीन विवाद का है और इसमें पहले हम मुख्य पक्ष को सुनेंगे।
इस दौरान एक पक्ष ने कागजातों की कमी का हवाला दिया जिसके बाद कोर्ट ने इस केस की सुनवाई 14 मार्च तक स्थगित करते हुए कहा कि पहले पूरे कागजात तैयार कर लिए जाएं।
पिछली सुनवाई में विपक्ष के वकील कपील सिब्बल ने इसे 2019 के चुनाव तक टालने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई 5 दिसंबर को पक्षकारों को मामले में दस्तावेजों के आदान-प्रदान के लिए वक्त देते हुए कहा था कि वे अगली सुनवाई 8 फरवरी को बहस के लिए तैयार होकर आएं। कोर्ट ने कहा था कि उस दिन इस आधार पर सुनवाई स्थगित नहीं की जाएगी।
हिंदी, उर्दू, फारसी, संस्कृत व अन्य भाषाओं में मौजूद दस्तावेजों का अनुवाद भी चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की खंडपीठ के सामने रखा जाएगा।
इससे पहले 5 दिसंबर को सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने लोकसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि था कि मामले की सुनवाई 2019 के चुनाव के बाद की जाए क्योंकि इससे चुनाव पर असर पड़ सकता है। हालांकि कोर्ट ने उनकी इस अपील को खारिज कर दिया था।
बता दें कि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 में फैसला सुनाते हुए विवादित जगह पर मंदिर होने की बात मानते हुए इस जमीन को तीनों पक्षों में बांटा था।