विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को एकत्र करना शुरू कर दिया है। विहिप का कहना है कि अब राम मंदिर निर्माण को कठिनाई सामने नहीं आएगी क्योंकि प्रदेश में अब बीजेपी की सरकार हैं ।
बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला होता है उसकी परवाह किए बिना विहिप ने कहा है कि एक साल के भीतर ही राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।
वरिष्ठ विहिप नेता त्रिलोकी नाथ पांडेय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए राजस्थान के भरतपुर से दो ट्रक पत्थर अयोध्या पहुंच चुका है। लेकिन मंदिर के लिए हमें 100 ट्रक से ज्यादा पत्थरों की आवश्यकता होगी।
उन्होंने बताया कि दो ट्रकों से लाए गए पत्थरों को कारसेवकपुरम स्थित विहिप मुख्यालय पर उतरवाया गया है। बाकी के पत्थर की सप्लाई भी आने वाले एक या दो दिनों में हो जाएगी।
पांडेय ने कहा, ‘अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. इसलिए अब मंदिर निर्माण में कोई रुकावट सामने नहीं आएगी।’
सरकारी अनुमति से मंगवाए गए पत्थर
गौरतलब है कि 2015 में भी पूरे देश से पत्थरों को एकत्र करने की ऐसी एक नाकाम कोशिश हुई थी। उस समय तत्कालीन समाजवादी सरकार ने दो ट्रक पत्थरों के आने के बाद उस पर रोक लगा दी थी। वाणिज्य कर विभाग ने पत्थरों को लाने के लिए फॉर्म 39 जारी करने से इनकार कर दिया था।
पांडेय ने बताया, ‘एक महीने पहले हमने वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी से संपर्क किया और उन्होंने एक साल से रोके गए फॉर्म 39 को तुरंत जारी कर दिया।’
बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि केस जुड़े एक याची खालिद अहमद खान ने अयोध्या में पत्थरों के आगमन पर कहा, ‘यह लोगों में एक सन्देश देने की कोशिश है कि भगवा दल राम मंदिर निर्माण को लेकर गंभीर है। हालांकि इससे केस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हमें सुप्रीम कोर्ट और संविधान पर पूरा भरोसा है।’
लखनऊ यूनिवर्सिटी की पूर्व कुलपति रूप रेखा वर्मा ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए इस तरह की गतिविधियां गैर कानूनी हैं और देश के खिलाफ है। इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है।