कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया, पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी, पूर्व मंत्री आरके चैधरी, अनुसूचित विभाग के अध्यक्ष आलोक पासवान बुधवार की रात ही आजमगढ़ सर्किट हाउस पहुंच गए थे। चूंकि कांग्रेस नेताओं का कार्यक्रम पहले से तय था, इसलिए रात में ही प्रशासन ने सारी तैयारी पूरी कर ली थी।
आजमगढ़ : आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव के अनुसूचित जाति के प्रधान सत्यमेव जयते की हत्या पर राजनीति शुरू हो गई है। सत्यमेव के घर जाने और परिजनों से मिलने के लिए गुरूवार की सुबह जैसे ही कांग्रेसियों के प्रतिनिधिमंडल ने सर्किट हाउस से तरवां के लिए रवाना होने की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
इसके बाद इसके बाद दरवाजे के अंदर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया, पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी, पूर्व मंत्री आरके चैधरी, अनुसूचित विभाग के अध्यक्ष आलोक पासवान गेट के अंदर घरने पर बैठ गए। वहीं, स्थानीय कांग्रेसी गेट के बाहर धरना देने लगे। इस दौरान दोनों ओर से नारेबाजी शुरू हो गई। उधर महाराष्ट्र के उर्जामंत्री नितिन राउत को जिउली मोड़ पर रोके जाने से वे वहीं पर धरने पर बैठ गए हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया, पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी, पूर्व मंत्री आरके चैधरी, अनुसूचित विभाग के अध्यक्ष आलोक पासवान बुधवार की रात ही आजमगढ़ सर्किट हाउस पहुंच गए थे। चूंकि कांग्रेस नेताओं का कार्यक्रम पहले से तय था, इसलिए रात में ही प्रशासन ने सारी तैयारी पूरी कर ली थी।
सुबह होते ही सर्किट हाउस से लेकर आजमगढ़-लखनऊ हाईवे तक का इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया था। मौके पर पीएसी के जवान भी तैनात कर दिए थे। एसपी सिटी पंकज पांडेय, एसपी ग्रामीण सिद्धार्थ सुबह से ही मौके पर कमान संभाले हुए थे।
गुरूवार सुबह करीब 10.15 बजे कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल तरवां के बांसगांव जाने के लिए सर्किट हाउस से बाहर निकला तो मुख्य गेट में ताला बंद मिला। इसके बाद कांग्रेसियों ने हंगामा शुरू किया और गेट फांदकर बाहर आने की कोशिश की लेकिन पहले से तैयार पुलिस सभी नेताओं को सर्किट हाउस के भीतर उठा ले गई।
भारी संख्या के कारण कांग्रेसियों का प्रतिरोध काम नहीं आया। वहीं दूसरी तरफ बड़े नेताओं के हिरासत में लिए जाने के बाद बाहर मौजूद नेता जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
कांग्रेसी पांच लोगों को मृत प्रधान के घर भेजने की जिद पर अड़े हुए है, वहीं प्रशासन कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें आगे जाने की अनुमति देने के लिए तैयार नहीं है।
इस दौरान गांव जाने के लिए कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेसियों और पुलिस में जमकर धक्का-मुक्की हुई। पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। मौके पर पीएसी के जवान तैनात हैं।
गांव में भी फोर्स तैनात है। वहीं ऊर्जा मंत्री महाराष्ट्र नितिन राउत को वाराणसी से आजमगढ़ पहुंचने से पहले ही बरदह थाने के जिउली मोड़ पर रोक लिया। ये लोग भी वहीं पर धरने पर बैठ गए हैं। मौके पर राजनीति चरम पर है।