राम मंदिर मामले में मध्यस्थता पैनल को 15 अगस्त तक का समय दिए जाने को लेकर बाबा रामदेव ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि भगवान राम हमारे आराध्य देव हैं, राम हम सबके पूर्वज हैं। अपने पूर्वज का इस तरह से अनादर नहीं करना चाहिए। राम मंदिर पर देश को जल्द न्याय मिलना चाहिए। यह न्याय चाहे न्यायालय दे या फिर न्यायालय ने जिन पैरोकारों को नियुक्त किया है वो दें।
राम मंदिर पर इस तरह से विलंब होना तमाम हिंदुओं की आस्था पर प्रहार है। कहा कि पक्षकारों और मध्यस्थों ने राम मंदिर के लिए बातचीत करने के लिए जो समय सीमा और मांगी है वह बिल्कुल ठीक नहीं है। इसे लेकर पहले ही बहुत विलंब हुआ है। अगर मध्यस्थों को भी ऐसे वक्त देते चले गए तो न्याय के नाम पर अन्याय होगा।
उन्होंने कहा कि इस बार लोकसभा के चुनाव में राजनीतिक दल एक-दूसरे के खिलाफ जो बयानबाजी कर रहे हैं वह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। लाखों शहीदों ने शहादत देकर देश को आजादी दिलाई थी। उस भारत में एसी बयानबाजी लोकतंत्र का अपमान है। देश इसे स्वीकार नहीं करेगा। इसका सबक उन्हें जरूर मिलेगा।
कहा कि राजनीति में मुद्दे कभी मुर्दा नहीं होते। वक्त के साथ हर मुद्दे को सामने आना चाहिए। जो विपक्ष है उन्हें भी प्रमाण के साथ अपनी बात सामने रखनी चाहिए। राष्ट्र की सुरक्षा, राष्ट्रवाद, गरीबी और किसानों के मुद्दे कभी दबने नहीं चाहिए। यह सामने आने चाहिए लेकिन इसमें भाषा की मर्यादा हमेशा रहनी चाहिए।
बता दें कि वे हरिद्वार में स्वामी रामदेव स्वामीनारायण मंदिर के वार्षिक उत्सव समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने पहुंचे थे।
संत सम्मेलन के बाद स्वामी रामदेव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बातें कही। इस अवसर पर संतों ने भारतीय संस्कृति के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने दावा किया कि भारतीय संस्कृति विश्व में सबसे बेजोड़ है जल्दी ही भारत इसमें विश्व गुरु बनेगा। इस दौरान जगद्गुरु शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम और योग गुरु बाबा रामदेव समेत कई संत उपस्थित रहे।
बता दें कि राम जन्मभूमि मामले में मध्यस्थता पैनल ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी। पैनल ने शुक्रवार को मध्यस्थता की कार्यवाही पूरी करने के लिए शीर्ष अदालत से और समय दिए जाने की मांग की थी। इसे अदालत ने स्वीकार करते हुए पैनल को 15 अगस्त तक का समय दे दिया है।