योग गुरु बाबा रामदेव ने पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर का चीन द्वारा बचाव किए जाने के बाद चीन का आर्थिक बहिष्कार किए जाने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन ने वीटो लगाकर मसूद का ‘वैश्विक आतंकी’ घोषित करने में अड़ंगा लगा दिया। इसके बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘चीन के इस फैसले से उन्हें निराशा हुई है।’
चीन के इस फैसले के बाद योग गुरु बाबा रामदेव ने ट्वीट करते हुए चीन पर निशाना साधा है।
रामदेव ने ट्वीट किया, ‘#मसूदअजहर समर्थक #China सहित जो भी देश और देश के अंदर लोग हैं, उनका हमें राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक तौर पर बहिष्कार करना चाहिए, चीन तो विशुद्ध रूप से व्यवसायिक भाषा ही समझता है। आर्थिक बहिष्कार युद्ध से भी ज्यादा ताकतवर है। #BoycottChina #BoycottChineseProducts #बायकाटमसूदअजहरगैंग।’
वहीं, चीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के कदम को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बाधित करने के लिए तकनीकी रोक लगाने के अपने फैसले का गुरुवार को बचाव किया और कहा कि इससे ‘स्थायी समाधान’ तलाशने के लिए संबंधित पक्षों के बीच वार्ता में मदद मिलेगी।
यह पूछे जाने पर कि चीन ने मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के कदम को एक बार फिर क्यों बाधित किया, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने बताया कि बीजिंग का फैसला समिति के नियमों के अनुसार है।
उन्होंने कहा कि चीन को ‘वास्तव में यह उम्मीद है कि इस समिति के प्रासंगिक कदम संबंधित देशों की मदद करेंगे कि वे वार्ता एवं विचार-विमर्श करें और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए और जटिलता पैदा नहीं हो।’
लु ने कहा, ‘जहां तक 1267 समिति में तकनीकी रोक की बात है, तो हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया है कि समिति के पास मामले के अध्ययन के लिए उचित समय हो और संबंधित पक्षों को वार्ता और विचार-विमर्श के लिए समय मिल सके। सभी पक्षों के लिए स्वीकार्य समाधान ही इस मसले के स्थायी समाधान का अवसर मुहैया करा सकता है। चीन इस मामले से उचित तरीके से निपटने के लिए भारत समेत सभी पक्षों से बातचीत एवं समन्वय के लिए तैयार है।’
भारत ने मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के कदम को चीन की ओर से तकनीकी रूप से बाधित किए जाने के बाद निराशा जताई थी।
बता दें, चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने संबंधी प्रस्ताव पर बुधवार को तकनीकी रोक लगा दी।
फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘‘1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति” के तहत मसूद को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को पेश किया था।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गई थी। इस हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
समिति के सदस्यों के पास प्रस्ताव पर आपत्ति जताने के लिए 10 कामकाजी दिन का वक्त था। यह समय सीमा खत्म होने से ठीक पहले चीन ने प्रस्ताव पर ‘तकनीकी रोक’ लगा दी और प्रस्ताव की पड़ताल करने के लिए और वक्त मांगा।