हरिद्वार में आयोजित ज्ञान कुंभ में बाबा रामदेव ने एक विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि इस देश में जो हमारी तरह विवाह न करे उनका विशेष सम्मान होना चाहिए। वे यहां ही नहीं रुके।
उन्होंने आगे कहा कि विवाह करे और अगर दो से ज्यादा बच्चे पैदा करे तो उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं होना चाहिए।
जो फिर भी 10 बच्चे पैदा करे, वह उनमें से एक बच्चा हमें भी दे दे। बाबा रामदेव के इस बयान के बाद तमाम राजनीतिक पार्टियों और लोगों में भी चर्चा शुरू हो गई है।
आपको बता दें कि ज्ञानकुंभ के पहले दिन शनिवार को भी बाबा रामदेव ने राम मंदिर को लेकर बड़ी बात कही थी।
स्वामी रामदेव का कहना है कि यह जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या पर नियंत्रण जरूरी है।
इस बारे में सरकार को प्रभावी कदम उठाने चाहिए। ऐसा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में और भी ज्यादा भयावह स्थिति होगी।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले योगी आदित्यनाथ को उत्तरप्रदेश में यह कानून बनाना चाहिए। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरे देश के लिए कानून बनाना चाहिए। इसके लिए चाहे तो संसद का विशेष सत्र भी बुलाना पड़े तो बुलाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण से ही सभी समस्याओं का समाधान संभव है। क्योंकि जनसंख्या बढ़ने से ही बेरोजगारी बढ़ रही है। जमीनें कम हो रही हैं, जिसे बढ़ाया नहीं जा सकता। जनसंख्या कम होगी तो बहुत सारी समस्याओं का खुद ही निराकरण हो जाएगा।
योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि राम मंदिर लोगों की आस्था का मामला है। जल्दी ही अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर के संबंध में यदि न्यायालय से निर्णय आने में देरी होती है तो संसद में इसका बिल लाया जाना चाहिए।
स्वामी रामदेव शनिवार को ज्ञानकुंभ के दौरान पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राम जन्म भूमि पर यदि राम का मंदिर नहीं बनेगा तो किसका मंदिर बनेगा।
अब राम मंदिर बनाने में देर नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बारे में जल्दी ही कोई शुभ सूचना मिलेगी।
उन्होंने कहा कि संसद लोकतंत्र में सर्वोपरी है और यदि संसद चाहेगी तो राम मंदिर बनाने का रास्ता निकल ही जाएगा।
उन्होंने ज्ञानकुंभ को लेकर कहा कि ज्ञान से ही भारत विश्वगुरु और महाशक्ति बनेगा। इससे भारत को महाशक्ति बनाने में बड़ी गति मिलेगी। शिक्षा को हम प्रगति के शिखर पर ले जाएंगे।