अयोध्या : अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद देश के तमाम हिंदू धर्मगुरुओं ने इसका स्वागत किया है। अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए धर्मगुरुओं ने जल्द भव्य राम मंदिर के निर्माण की उम्मीद जताई है। इसके साथ ही सभी ने समाज के लोगों से आपसी सौहार्द की भावना का परिचय देने की अपील की है। रामदेव ने अपील करते हुए कहा है कि हिंदुओं को भी मुस्लिमों के लिए बनने वाली मस्जिद के निर्माण में मदद करनी चाहिए।
शनिवार को अयोध्या मामले का फैसला आने के बाद योग गुरू बाबा रामदेव ने इसका स्वागत किया। फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए रामदेव ने कहा,’कोर्ट का निर्णय आ गया है, अब अयोध्या में भव्य मंदिर बनेगा। लेकिन हमें ऐसा कुछ नहीं करना है जिससे किसी समाज में भय या आक्रोश पैदा हो। हमें उन मर्यादाओं का पालन करना है जिन मर्यादाओं स्वयं भगवान श्रीराम जिए।’ बाबा रामदेव ने कहा कि मुस्लिमों को जमीन दिए जाने के फैसले का स्वागत है और मेरा मानना है कि हिंदू भाईयों को भी मस्जिद निर्माण के लिए मदद करनी चाहिए।
इसके अलावा संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी फैसले के बाद कहा कि इस निर्णय को जय-पराजय की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। सत्य और न्याय के मंथन से प्राप्त निष्कर्ष को भारत के संपूर्ण समाज के बंधुता के संदर्भ में देखना चाहिए। देशवासियों से अनुरोध है कि विधि और संविधान की मर्यादा में रखकर संयमित और सात्विक रीति से अपने आनंद को व्यक्त करें।
इसके अलावा प्रख्यात कथावाचक और संत देवकी नंदन ठाकुर ने भी फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कोर्ट का निर्णय भगवान राम की जीत नहीं बल्कि पूरी मानवता की जीत है। यह आस्था की जीत है, भारत की जीत है। साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने कहा कि जैसा चाहते थे, वैसा फैसला आया। सभी लोग शांति बनाए रखें। उन्होंने कहा कि मुस्लिम भाइयों को जमीन देने का फैसला सराहनीय है, लेकिन मस्जिद का निर्माण अयोध्या से बाहर होना चाहिए।
बता दें कि शनिवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस पर अपना फैसला सुनाते हुए विवादित जगह को रामलला का बताया। साथ ही कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए वैकल्पिक जमीन दी जाए। इस बीच कांग्रेस ने कहा है कि हम फैसले का स्वागत करते हैं और मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं।