नई दिल्ली : बाबा रामदेव की स्वामित्व वाली कंपनी पतंजलि ने डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) द्वारा जब्त की गई चंदन की लकड़ी को खेप को छुड़ाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक डीआरआई और कस्टम डिपार्टमेंट ने पतंजलि के कर्मचारियों के पास से 50 टन लाल चंदन की लकड़ियों को जब्त किया है। इन लकड़ियों को चीन भेजा जा रहा था।
मिली जानकारी के मुताबिक पंतजलि को सिर्फ सी ग्रेड की लकड़ियों को व्यापार के लिए देश से बाहर भेजने की इजाजत है लेकिन जिन चंदन की लकड़ियों को जब्त किया गया है वे ए और बी ग्रेड की बताई जा रही है। हालांकि पतंजलि ने कहा है कि उसने किसी तरह के नियमों का उल्लंघन किया है और वे नियमों के मुताबिक ही इन लकड़ियों का एक्सपोर्ट कर रहे थे।
पतंजलि के प्रवक्ता ने बताया, ‘हमने किसी तरह का गैरकानूनी काम नहीं किया है। हम आंध्र प्रदेश फॉरेस्ट डेवेलपमेंट कार्प (APFDCL) से खरीदी हुई चंदन की लकड़ी का एक्सपोर्ट कर रहे थे। सबकुछ कानूनी तौर से हो रहा था। एक्सपोर्ट करने की प्रकिया में परचेज ऑर्डर, परफॉर्मा इनवॉइस, कृष्णापट्टनम बंदरगाह पर पड़ा माल, माल का दाम और डॉक्युमेंट्स, परमिशन और लाइसेंस सी कैटिगरी के लाल चंदन की लकड़ी के हैं। APFDCL ने इसका सत्यापन भी किया है।’
वहीं डीआरई ने इस मामले की जांच पूरी होने तक एक्सपोर्ट को रोके रखने का आदेश दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में बीते 15 फरवरी को पंतजलि की रिट पिटीशन को स्वीकार कर लिया था। हाईकोर्ट ने अब इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 8 अप्रैल रखी है।