नीदरलैंड में महिलाओं पर वायग्रा के ड्रग ट्रायल से 11 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। गर्भस्थ शिशुओं के धीमे विकास को तेज करने के लिए नीदरलैंड के 10 अलग-अलग अस्पतालों में इस पर अध्ययन किया जा रहा था।
इस दौरान गर्भवती महिलाओं पर वायग्रा की खुराक की प्रभावशीलता और उनके शरीर में रक्त प्रवाह को बढ़ाया जा रहा था जिससे शिशुओं का विकास तेजी से हो सके।
लेकिन सबकुछ योजना के मुताबिक नहीं रहा और अध्ययन में शामिल महिलाओं ने जिन बच्चों को जन्म दिया उनमें से 11 की मौत हो गई। ज्यादात्तर बच्चों में फेफड़ों से जुड़ी बीमारी पाई गई।
एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय के अकादमिक चिकित्सा केंद्र (एएमसी) के मुताबिक, वर्तमान अध्ययन के परिणामों से पता चला कि जन्म के बाद बच्चे के लिए प्रतिकूल प्रभाव हो सकते हैं।
अध्ययन में पाया गया कि परीक्षण में शामिल महिलाओं से पैदा हुए 17 बच्चों में से 11 की मौत फेफड़ों में संक्रमण की वजह से हुई। इसके बाद इस अध्ययन को रोक दिया गया है। हम विपरीत परिणामों पर विशेष जांच कर रहे हैं।
बता दें कि 2015 में शुरू हुए इस अध्ययन में 300 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया था। अध्ययन में 93 महिलाओं को वायग्रा तो वहीं 90 महिलाओं को डमी दवा दी गई थी।
बता दें कि गर्भनाल की वजह से अजन्मे बच्चों का विकास रुक जाना एक गंभीर बीमारी है जिसका अभी कोई इलाज विकसित नहीं किया जा सका है।