लखनऊ: बाबरी मस्जिद गिराए जाने के आज 25 साल पूरे हो गए। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहा दी गई थी, जिसका मुकदमा आज भी लंबित है। इस मौके को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने शौर्य दिवस यानी विजय दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया है। वहीं, मुस्लिम संगठनों ने इस दिन यौम-ए-गम यानी दुख का दिन के तौर पर मनाने का एलान किया है।
ऐसे में किसी अनहोनी की आशंका से बचने के लिए केंद्र सरकार की एडवाइज़री के बाद अयोध्या और फैजाबाद में कड़ी सुरक्षा तैनात की गई है। पुलिस के साथ-साथ संवेदनशील इलाकों में सीआरपीएफ और आरएएफ की भी तैनाती की गई है। गाड़ियों, होटलों की तलाशी की जा रही है।
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
1. भारत के प्रथम मुगल सम्राट बाबर के आदेश पर 1527 में इस मस्जिद का निर्माण किया गया था।
2. पुजारियों से हिन्दू ढांचे या निर्माण को छीनने के बाद मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा।
3. अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद सबसे पहले वर्ष 1949 में अदालत की चौखट पर पहुंचा था।
4. महंत रामचंद्र दास परमहंस जो उस समय के महंत थे उन्होंने भगवान राम की पूजा करने इजाजत देने के लिए न्यायालय पहुंचे थे। मस्जिद को ‘ढांचा’ नाम दिया गया।
5. बाबरी मस्जिद के केंद्रीय स्थल पर करीब 50 हिंदूओं ने कथित तौर पर रामलला की मूर्ति रखी दी थी, जिसके बाद यहां उनकी पूजा अर्चना शुरू हो गई और यहां मुसलमानों ने नमाज पढ़ना बंद कर दिया।
6. हाशिम अंसारी ने भी अदालत में याचिका दाखिल करके बाबरी मस्जिद में रखी मूर्तियां हटाने के आदेश देने का आग्रह किया था।
7. हाशिम अंसारी ही इकलौते ऐसे शख्स थे जो 1949 में इस मस्जिद में रामलाल की मूर्तियां रखे जाने के गवाह थे। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को खुद देखा था।
8. वर्ष 1990 में लाल कृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली।
9. हजारों की संख्या में कार सेवकों ने वर्ष 1992 में अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद ढहा दिया, जिसके बाद सांप्रदायिक दंगे हुए।
10. वर्ष 2010 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस संबंध में फैसला सुनाया था। न्यायालय ने विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी।