स्कूल और कॉलेजों में आए दिन तुगलकी फरमान सुनाए जाने के मामले सामने आ रहे हैं। कहीं लड़कियों के जींस पहनने पर बैन तो कहीं मोबाइल फोन पर बात करने पर प्रतिबंध जैसे कई आदेश सामने आए हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के एक डिग्री कॉलेज का है। कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्र-छात्राओं के कैंपस के अंदर मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाया है क्योंकि इससे वह विचलित होते हैं। कॉलेज की ओर से इस संबंध में नोटिस जारी किया गया है। एएनआई के मुताबिक मुरादाबाद के महाराजा हरिश चंद्र पीजी कॉलेज प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अगर कोई स्टूडेंट कॉलेज परिसर के अंदर फोन इस्तेमाल करते हुए पाया गया तो उसका मोबाइल सीज़ कर लिया जाएगा।
एएनआई से बातचीत में कॉलेज के प्रिसिंपल डॉक्टर विशेष गुप्ता ने कहा कि मोबाइल फोन के कारण पढ़ाई में व्यवधान आता है और पढ़ाई में विचलन होता है। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा बिजी रहते हैं और लड़के तो लगातार फोन पर लड़कियों से बात करते रहते हैं। हमने अनुशासन बनाए रखने के लिए मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि कॉलेज में नए सत्र में जो बच्चे पढ़ने के लिए आए हैं उन्हें टीचरों ने मोबाइल फोन पर प्रतिबंध के बारे में निर्देश दे दिए हैं।
कॉलेज में इस तरह के मोबाइल फोन और कपडों पर बैन लगने का यह पहला मामला नहीं है। देश भर में आए दिन इस तरह के मामले सामने आते हैं। हाल ही में केंद्रीय यूनिवर्सिटी भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी (BBAU) ने महिला की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डेडलाइन जारी की थी। लखनऊ स्थित यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से कहा गया था कि कोई भी महिला कर्मचारी, यहां तक कि फैक्लटी मेंबर्स (टीचर) शाम 6 बजे के बाद कैंपस में अपने ऑफिस में नहीं रुकेगा। यूनिवर्सिटी के इस आदेश का विरोध होना शुरू हो गया था। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से भी सरकारी कॉलेजों और एडेड कॉलजों को ड्रेस कोड लागू करने को लेकर पत्र जारी किया गया था। इस आदेश के तहत स्टूडेंट्स और टीचर जींस और टी-शर्ट पहनकर नहीं आ सकते हैं। प्रोफेसरों को फॉर्मल ड्रेस पहनकर आना होगा।