ढाका- इस्लामिक स्पीचर डॉक्टर ज़ाकिर नाईक के विवादित बयानों और आतंकियों के उनके बयानों से प्रेरित होने की खबर के बाद बांग्लादेश सरकार ने रविवार को विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक के ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’ द्वारा संचालित मुंबई के एक टीवी चैनल ‘पीस टीवी’ के प्रसारण पर रोक लगाने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी के मुताबिक, उद्योग मंत्री आमिर हुसैन अमु ने कहा, “हमने देशभर में चैनल के प्रसारण पर रोक लगाने का फैसला किया है।”
ढाका के राजनयिक इलाके ‘गुलशन’ में स्थित एक स्पेनिश रेस्तरां में एक जुलाई को हुए आतंकवादी हमले के बाद खबरें आई थीं कि सात हमलावरों में से दो इस्लामिक प्रचारक नाईक के भाषणों से प्रेरित थे। हमले में 18 विदेशी नागरिकों सहित 22 लोग मारे गए थे। भारतीय प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि वे नाईक के भाषणों की जांच कर रहे हैं और उसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हमने जाकिर नाईक के भाषणों का संज्ञान ले लिया है और इस मामले में जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं।”
महाराष्ट्र सरकार ने मुस्लिम उपदेशक के भाषणों की जांच का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय इन आरोपों की जांच करेगा कि आईआरएफ को मिले विदेशी चंदे का इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों के लिए किया गया। इस एनजीओ के धन का उपयोग लोगों को इस्लाम के प्रति और युवकों को आतंक की आकर्षित करने के लिए किया गया। ये सारी गतिविधियां एफसीआरए के प्रावधानों के विपरीत है। इस कानून का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
मुंबई निवासी नाईक ने कहा है कि वह इस बात से ‘पूरी तरह इंकार’ करता है कि उसने ढाका में आतंकवादी हमले के लिए प्रेरित किया है। नाईक ने एक बयान में कहा, “मेरा कोई भी ऐसा भाषण नहीं है, जिसमें मैने एक-दूसरे की हत्या के लिए प्रोत्साहित किया हो, चाहे वे मुस्लिम हों या गैर मुस्लिम।”
इससे पहले भारत में पुलिस ने केबल ऑपरेटर्स को निर्देश दिया था कि अगर जाकिर नाइक के टीवी चैनल को भारत में दिखाया गया तो यह अवैध होगा क्योंकि उसके पास डाउनलिंक का लाइसेंस नहीं है। पीस टीवी को दुबाई से अपलिंक किया जाता है।