ढाका : रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा पूरी दुनिया में छाया हुआ है। म्यांमार से निकाले जाने के बाद बांग्लादेश में पलायन के लिए मजबूर हो रहे लाखो रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने के लिए प्रधानमंत्री शेख हसीना राजी हो गई है। पीएम शेख हसीना ने कुटुपलांग के शरणार्थी शिविरों में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों से मिलने के लिए मंगलवार को खुद दौरा किया और उनका हाल-चाल जाना।
रोहिंग्या समुदाय से मिलने के बाद शेख हसीना ने कहा कि जब हम 16 करोड़ बांग्लादेशियों को खाना खिला सकते हैं तो 7 लाख रोहिंग्या मुसलमान को भी पाल सकते हैं। शेख हसीना ने कहा, ‘हमें इस मानववादी जमीन पर रोहिंग्या मुसलमानों को रहने दिया जाना चाहिए और मैं देश की आवाम से कहना चाहूंगी कि आप इन लोगों जितनी मदद कर सकते हैं, उतनी मदद करें।
म्यांमार में 24 अगस्त को फैली हिंसा के बाद तीन लाख रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश में पलायन होने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अब तक बांग्लादेश में 7,00,000 में से 3 लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान शरण ले चुके हैं। हसीना ने कहा, ‘बांग्लादेश अपने पड़ोसी मुल्कों से शांति और अच्छे रिश्ते चाहता है, लेकिन म्यांमार सरकार की इन हरकतों को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करता। रोहिंग्या समुदाय के लिए हम वो सब कुछ करेंगे, जो हमारे बस में है’।
हसीना ने म्यांमार सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘क्या ये सरकार अपना विवेक खो चुकी है। कुछ लोगों की वजह से कैसे हजारों लाखों लोगों को पलायन होने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। शेख हसीना ने अपनी सरकार को रोहिंग्या मुसलमानों के लिए मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाने का भी आदेश दिया है। बांग्लादेश पीएम शेख हसीना ने साथ में अंतरराष्ट्रीय समुदायों को रोहिंग्या समुदाय को वापस उनके देश में भेजने के लिए म्यांमार पर दबाव डालने को कहा है।
म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के बाद लाखों लोग समुद्र के रास्ते बांग्लादेश में प्रवेश कर रहे हैं। इस बीच बांग्लादेश के विदेश राज्य मंत्री मोहम्मद शहरयार आलम ने कहा है कि वे रोहिंया समुदाय को अपने देश में रहने के लिए मुफ्त में जमीन देने की योजना बना रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, शरणार्थी शिविरों की क्षमता से भी कहीं ज्यादा लोग रह रहे हैं।